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झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने 3 MLA को 7 अक्टूबर तक पक्ष रखने का दिया था निर्देश, बाबूलाल मांग सकते हैं समय - रांची में दल बदल मामले

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने 3 विधायक बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को 7 अक्टूबर तक दल-बदल मामले में पक्ष रखने का निर्देश दिया था. इसे लेकर बुधवार को असमंजस की स्थिति साफ हो जाएगी.

Jharkhand Legislative Assembly instructed 3 MLA to hold favor till 7 October
विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव

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Published : Oct 6, 2020, 7:58 PM IST

रांची: दल-बदल मामले में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने 7 अक्टूबर तक अपना पक्ष रखने का निर्देश विधायक बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को दिया था. ऐसे में अब तीनों विधायक अपना पक्ष रखते हैं या फिर से समय की मांग की जाती है, यह बुधवार को साफ हो पाएगा. हालांकि उम्मीद है कि विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा. वहीं, बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने को लेकर असमंजस है क्योंकि वह पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हुए थे लेकिन मंगलवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है. फिर भी वह कुछ दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे. ऐसे में उनकी तरफ से फिर से समय मांगा जा सकता है.

विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव

दरअसल झारखंड विकास मोर्चा से बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. जिसके बाद बाबूलाल मरांडी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. वहीं, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. जिसके बाद बाबूलाल ने जेवीएम का भाजपा में विलय जबकि प्रदीप और बंधु ने जेवीएम का कांग्रेस में विलय का दावा किया था.

वहीं, राज्यसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक की मान्यता दी थी. जबकि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को निर्दलीय विधायक सूची में रखा गया था. जिसको लेकर भाजपा की ओर से लगातार बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष का नेता बनाए जाने की मांग रखी जा रही थी. इस संबंध में भाजपा की ओर से विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई से संबंधित दस्तावेज की भी मांग की गई थी.

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हालांकि झारखंड विधानसभा में तीनों विधायकों को निर्दलीय विधायक का दर्जा दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को दसवीं अनुसूची की तरह बताते हुए तीनों विधायकों से अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया था. जिसके तहत पहले 17 सितंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया गया था लेकिन तीनों विधायकों के समय मांगे जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 7 अक्टूबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है.

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