रांची:झारखंड जनता दल यूनाइटेड ने राजभवन के सामने हेमंत सरकार के खिलाफ धरना दिया. इस धरने का नेतृत्व जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो कर रहे थे. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार से राज्य की जनता दुखी है. प्रदेश में आए दिन राजनीतिक और अपराधिक हत्याएं हो रही हैं. इसके अलावा दुष्कर्म, चोरी, डकैती, छिनतई जैसी घटनाएं आम हो गईं हैं. राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. खीरू महतो ने कहा कि झारखंड में बुनियादी सुविधाएं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी हालत बदतर होती जा रही है. चारों और खनिज संपदा की लूट खसोट मची हुई है और सरकार 2 साल की उपलब्धि गिनाने में जुटी है.
झारखंड जेडीयू का राजभवन के सामने धरना, हेमंत सरकार को बताया पूरी तरह फेल - Jharkhand JDU
झारखंड जेडीयू ने राजभवन के सामने हेमंत सरकार के खिलाफ धरना दिया और अपनी महत्वपूर्ण मांगों के लिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने कहा कि झारखंड सरकार पूरी तरह से नामकाम हो गई है. एक तरफ झारखंड के खनिज संपदा की लूट मची है तो है तो दूसरी तरफ हेमंत सरकार अपनी दो साल की उपलब्धियां गिनाने में जुटी हुई है.
झारखंड जेडीयू ने हेमंत सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुए राजभवन के सामने एक दिवसीय धरना दिया. यहां जनता दल यूनाइटेड के महासचिव प्रवीण सिंह ने झारखंड के मूल वासियों के राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए अनुसूचित क्षेत्रों में 2 विधानसभा क्षेत्र गठन करने की मांग की ताकि गैर आदिवासी जनता का प्रतिनिधित्व कर सकें. झारखंड जेडीयू के सह प्रभारी अरुण सिंह ने बताया कि झारखंड की जनता वर्तमान सरकार से त्राहिमाम है. राज्य गठन के 30 वर्ष पूरे होने के बावजूद भी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क की सुविधा नहीं है. लॉ एंड ऑर्डर शहरी क्षेत्रों में भी भगवान भरोसे है. इसीलिए राज्य सरकार के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार को अवगत कराया है.
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झारखंड जेडीयू की महत्वपूर्ण मांगें
1. राज्य में पिछड़े वर्ग को भारत सरकार द्वारा प्रदत नौकरियों में आरक्षण 27% से झारखंड में भी लागू किया जाए.
2. महिला सशक्तिकरण की दिशा में बिहार की तर्ज पर महिलाओं को नौकरियों में 35% आरक्षण दिया जाए.
3. बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी पंच सरपंच का पद सृजित करते हुए पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव शीघ्र कराया जाए.
4. पिछले कई वर्षों से विस्थापितों के लंबित मांगों के निपटारे को लेकर विस्थापन आयोग का गठन राज्य में शीघ्र किया जाए.
5. वन अधिनियम सुधार कानून 2007-07 के तहत वन सीमा अंतर्गत रह रहे लोगों को भूमि स्वामित्व का पट्टा राज्य सरकार जल्द से जल्द देने का काम करें.
इसके अलावा कुल 11 सूत्री मांगों के साथ जनता दल यूनाइटेड ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. जनता दल यूनाइटेड अपने आप को झारखंड में फिर से खड़ा करने के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रही है. एकीकृत बिहार के समय अब के झारखंड के विधानसभा क्षेत्रों में जेडीयू की मजबूत स्थिति थी. लेकिन वर्तमान में जेडीयू झारखंड में धीरे-धीरे कमजोर होता चला गया. इसी को देखते हुए एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड झारखंड में अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं ऊर्जा भर रहा है.