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NCRB REPORT: झारखंड देश का सबसे ज्यादा दंगाग्रस्त राज्य - रांची न्यूज

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में देश में सबसे ज्यादा दंगे झारखंड में हुए हैं. इन दंगों के 80 प्रतिशत आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

Jharkhand is country most riot prone state
Jharkhand is country most riot prone state

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Published : Aug 31, 2022, 7:12 AM IST

रांचीः देश में सबसे ज्यादा दंगे झारखंड में हुए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) ने वर्ष 2021 के अपराधों का आंकड़ा जारी किया है. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में पूरे देश में कुल 378 सांप्रदायिक दंगे हुए थे, इनमें से अकेले झारखंड में 100 दंगे हुए.

महाराष्ट्र दूसरे नंबर परःएनसीआरबी (National Crime Records Bureau)के आंकड़ों के अनुसार सांप्रदायिक दंगों के मामले में झारखंड साल 2021 में एक नंबर पर है. जबकि महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर, महाराष्ट्र में साल 2021 में 77 सांप्रदायिक दंगे हुए थे. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दंगों के मामले में बिहार तीसरे स्थान पर है. बिहार में साल 2021 में 51 दंगे के मामले सामने आए थे. वही हरियाणा चौथे यहां से 40 मामले सामने आए थे. राजस्थान और मध्य प्रदेश संयुक्त रूप से पांचवें नंबर पर हैं. दोनों राज्यों में 22 -22 मामले आए थे. वहीं साल 2021 में असम में 17 सांप्रदायिक दंगे से संबंधित कांड दर्ज किए गए थे. वहीं एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में सामान्य दंगों की देशभर में 4166 रिपोर्ट हुई. इन आंकड़ों में 1426 मामले झारखंड में दर्ज हुए हैं.

2000 से ज्यादा गिरफ्तारियांःएनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में हुए दंगों के 80% आरोपियों की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के द्वारा कर ली गई थी. वहीं 20% दंगों के आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं. साल 2021 में झारखंड में दंगों के आरोप में दो हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां की गई थीं.

2022 में भी हुए हैं दंगेःसाल 2022 में भी झारखंड की राजधानी रांची सहित कई शहरों में सांप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए थे. राजधानी रांची में तो 10 जून को हुए सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी. जिसमें दो युवकों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच अभी भी की जा रही है. हालांकि एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों में साल 2022 का जिक्र नहीं है. एनसीआरबी(National Crime Records Bureau) के आंकड़े 1 साल पूर्व के जारी किए जाते हैं.

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