रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने बर्खास्त सिपाही को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है. 11 साल से बर्खास्त सिपाही को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. सिपाही के 2 दिन ड्यूटी से गायब रहने पर DGP ने सेवा समाप्त की थी. जिसके बाद उनके आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले पर हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सिपाही की बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया है. सिपाही को फिर से दोबारा बहाल करने का आदेश दिया है.
सिपाही बर्खास्तगी मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पुलिस विभाग ने जो आरोप लगाकर बर्खास्त किया है वह गलत और मनगढ़ंत है. इसलिए इस आदेश को रद्द कर दिया जाए. उन्होंने अदालत को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि सिपाही पर बर्खास्तगी को लेकर आरोप लगाया गया है कि वह शराब के नशे में रहता था. यह सिर्फ आरोप लगाया गया है. उसका मेडिकल टेस्ट नहीं करवाया गया. इससे यह स्पष्ट है कि यह महज आरोप है सत्य नहीं है. अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि दूसरा आरोप वरीय अधिकारी से गाली गलौज करने का बताया जा रहा है. लेकिन यह जानकारी नहीं दी जा रही है कि उसने कब और कहां गाली गलौज की. इसकी कोई सूचना नहीं है. इसलिए यह भी तथ्य हीन है. तीसरा आरोप है कि वह 2 दिन से ड्यूटी से गायब था. जिस पर अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट आदेश दिया है कि 2 दिन ड्यूटी से गायब रहने के आधार पर किसी को सेवा से बर्खास्त नहीं किया जा सकता है.