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FSL में रिक्त पदों को भरे सरकार, हाई कोर्ट ने तीन महीने का दिया समय - झारखंड लोक सेवा आयोग

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और जेपीएससी को एफएसएल में नियुक्ति को लेकर निर्देश दिया है. कोर्ट ने लैब के विभिन्न रिक्त पदों पर 3 माह में नियुक्ति का निर्देश दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट

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Published : Sep 16, 2021, 7:44 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 8:38 PM IST

रांचीः झारखंड राज्य फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) में रिक्त पदों के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के जवाब को देखने के बाद डबल बेंच ने इसपर नाराजगी व्यक्त की.

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इसको लेकर हाई कोर्ट ने कहा कि यह रिस्पॉन्सिबल पद है, इस पर नियमित नियुक्ति करें, ऐसे पदों पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति उचित नहीं है. राज्य सरकार, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) और झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) को लैब के रिक्त विभिन्न पदों पर 3 माह में नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. सभी को 2 सप्ताह में नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड सरकार के गृह सचिव और एफएसएल लैबोरेट्री के डायरेक्टर हाजिर हुए. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से प्रिंस कुमार ने कोर्ट में जवाब पेश किया. कोर्ट ने जवाब पर असंतुष्टि व्यक्त की.

अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि एफएसएल के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होनी चाहिए, यह रिस्पॉन्सिबल पद है. पद रिक्त होने से और लैब की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण समय से सही जांच नहीं हो पा रही है. इसलिए एफएसएल की स्थिति को दुरुस्त करना होगा. अदालत ने राज्य सरकार, झारखंड लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया 3 माह में पूर्ण करने को कहा है. इसकी जानकारी दो सप्ताह में अदालत को देने को कही है.

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धनबाद के जज की मौत के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले की एफएसएल रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था. सीबीआई ने जांच के लिए ब्लड सैंपल प्रयोगशाला भेजा था. लेकिन राज्य एफएसएल में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच से हाथ खड़े कर दिए थे. सीबीआई की ओर से अदालत में यह जानकारी दी गई. राज्य में यह व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एफएसएल की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने का आदेश दिया गया था. उसके बाद एफएसएल में रिक्त पदों पर नियुक्ति के बिंदु पर भी चर्चा की गई उसी मामले पर सुनवाई हुई है.

Last Updated : Sep 16, 2021, 8:38 PM IST

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