रांचीः झारखंड में कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. जांच की धीमी गति को लेकर राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी व्यक्त किया है. कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट के कर्मचारियों का सैंपल लेकर कई दिनों के बाद रिपोर्ट मिलती है तो राज्य की जनता की क्या स्थिति होगी.
कोरोना संक्रमण पर झारखंड हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर की जिस तरह से सैंपल लेने के कई दिनों के बाद रिपोर्ट आती है, ऐसे में अगर वो संक्रमित होते हैं तो वे अनजाने में लोगों तक अपना कोरोना वायरस पहुंचा देते हैं. अदालत ने राज्य सरकार को जांच और इलाज में तेजी लाने को कहा है. अगर राज्य सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेगी तो कोरोना वायरस कि संक्रमण बद से बदतर हो जाएगी. उन्होंने पटना का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से वहां विस्फोटक स्थिति हो गई है, वैसा ही झारखंड में भी हो सकता है.झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान आए दिन समाचार में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर चर्चा की गई. अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा कि हाईकोर्ट के ही कर्मियों के जो सैंपल जांच के लिए भेजे गये थे, उसकी रिपोर्ट 4 दिन के बाद आई है, ऐसे में अगर वह पॉजिटिव होते हैं और वह काम पर आते हैं, तो कई को वह कोरोना संक्रमित कर सकते हैं. इसलिए राज्य सरकार जांच में तेजी लाए. ताकि लोगों को यह जल्द पता लगे कि वह संक्रमित हैं या नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हाई कोर्ट के मामले में इतनी देर हो रही है तो राज्य की जनता की क्या स्थिति होगी.अदालत में अन्य मामले की सुनवाई के दौरान समाचार पत्र में आए दिन जो कोरोना वायरस बढ़ रहा है. उस पर सुनवाई की गई अदालत ने राज्य सरकार को 31 जुलाई को इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.