रांचीः कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण में मरीजों के बेबसी का फायदा उठाने वाले कोरोना की आवश्यक दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जांच के बिंदु पर गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सीआईडी जांच के तरीके पर असंतुष्टि व्यक्त की. उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि जांच ठीक से करें, हाई कोर्ट को सीबीआई को जांच देने के लिए मजबूर ना करें. अदालत ने मामले में सरकार को 1 सप्ताह का समय देते हुए प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी.
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झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोविड-19 के आवश्यक दवा की कालाबाजारी पर रोक लगाने और उसकी जांच के बिंदु पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब पर झारखंड हाई कोर्ट ने असंतुष्टि व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को जांच के बिंदु पर सही तरीके से काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने अस्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि मामले की जांच सही तरीके से हो अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग तरीके से जांच ना हो, जांच ठीक से करें.
उन्होंने 1 सप्ताह का समय देते हुए सही तरीके से जांच कर अदालत में प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जांच सही तरीके से नहीं होती है तो अदालत मजबूरी में मामले की जांच सीबीआई को देगी पूर्व में कोविड-19 के जांच के बिंदु पर हो रही सुनवाई के बीच में ही अदालत को जानकारी दी गई थी कि कोविड-19 के अत्यावश्यक दवाओं में से एक रेमडेसिविर की धड़ल्ले से कालाबाजारी हो रही है. इसे रोकने का निर्देश दिया जाए. साथ ही मामले में कार्रवाई की भी मांग की गई थी.
अदालत ने उसी बिंदु पर संज्ञान लेते हुए पूर्व में राज्य सरकार को रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जांच का निर्देश दिया था. गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से जांच रिपोर्ट पेश की गई, जिस पर अदालत ने असंतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्हें ठीक से जांच करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी.