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समाज कल्याण विभाग के अनुबंधकर्मी सांख्यिकी सहायक, लिपिक टाइपिस्ट को नियमित करेंः हाई कोर्ट का सरकार को निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अनुबंधकर्मियों को नियमित करने का सरकार को निर्देश दिया है. जिसमें अनुबंध पर काम कर रहे सांख्यिकी सहायक, लिपिक टाइपिस्ट शामिल हैं.

jharkhand high court directed government to regularize contract workers of social welfare department
jharkhand high court directed government to regularize contract workers of social welfare department

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Published : Dec 18, 2021, 10:53 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश से अनुबंधकर्मियों में हर्ष खुशी का माहौल है. अदालत में झारखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत विभिन्न जिलों में पिछले 13 वर्षों से अनुबंध पर कार्यरत सांख्यिकी सहायक, महिला पर्यवेक्षिका एवं लिपिक टाइपिस्ट की सेवा नियमित करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

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हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को समाज कल्याण विभाग की सचिव के पास आवेदन देने को कहा है. विभाग के सचिव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में प्रार्थी के आवेदन पर 6 सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है. सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से अनुबंधकर्मियों की सेवा को नियमित करने संबंधी आदेश सरकार को देने की गुहार लगाई. अदालत को जानकारी दी कि वो पिछले 13 वर्षों से झारखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत चलने वाले सभी जिला में सांख्यिकी सहायक महिला पर्यवेक्षिका लिपिक टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत हैं.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 10 वर्षों से अधिक से अनुबंध पर काम करने वाले कर्मी का सेवा नियमित कर दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में झारखंड सरकार के द्वारा भी 10 वर्षों से अधिक से अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों को नियमित करने संबंधी नियम बनाया गया है. लेकिन लोगों को इस नियम का लाभ नहीं दिया जा रहा है. अदालत ने उनके पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में उमा देवी केस और झारखंड सरकार द्वारा बनाए गए Contract Workers Regularization Rules 2015 के आलोक में याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

याचिकाकर्ता बम शंकर शर्मा, किरण कुमारी सिन्हा, मधु सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका के माध्यम से जानकारी दी थी कि गिरिडीह, बोकारो एवं अन्य जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं में अनुबंध पर वो लोग वर्ष 2008 से कार्य कर रहे हैं. सेवा नियमित करने की मांग की है. उसी याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई.

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