रांची:झारखंड के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (Birsa Agricultural University) में असिस्टेंट प्रोफेसर वैज्ञानिक की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्ति पर तत्काल रोक लगा दी है. अदालत ने विश्वविद्यालय से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. विश्वविद्यालय से जवाब आने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिक की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार ली जा रही है. उन्होंने अदालत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि संविदा के आधार पर नियुक्त कर्मचारी को हटाकर संविदा के आधार पर नियुक्ति नहीं की जा सकती है. लेकिन बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में संविदाकर्मी को हटाकर फिर से संविदाकर्मी की ही नियुक्ति की जा रही है, जो कि गलत है. इसलिए इस नियुक्ति पर तत्काल रोक लगा दी जाए.
असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर रोक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक
अदालत ने याचिकाकर्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. विश्वविद्यालय को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. झारखंड के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में संविदा पर नियुक्त पूर्व सहायक प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिक को हटाकर फिर से संविदा पर नियुक्ति की जा रही है. उसी नियुक्ति को याचिकाकर्ता संजीत कुमार और अन्य 13 लोगों की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई कि आज से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में साक्षात्कार प्रारंभ कर दिया है. अदालत ने याचिकाकर्ता के आग्रह पर नियुक्ति पर तत्काल रोक लगा दी है.