रांचीःकोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से तैयारी के बारे में जानकारी मांगी. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि, राज्य के सभी जिलों में बनने वाले ऑक्सीजन प्लांट की मौजूदा स्थिति क्या है? अभी तक कितना बना है? कितने का निर्माण कार्य चल रहा है? इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
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रांची सदर अस्पताल में कोविड-19 के संक्रमितों के बेड पर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने में हो रहे देरी पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. निर्माण का काम कर रही विजेता कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी को कड़ी फटकार लगाई और शीघ्र कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को हर हाल में सदर अस्पताल के बेड की स्थिति को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.
कंपनी ने कोर्ट में दिया जवाब
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के बिंदु पर सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सदर अस्पताल में कोविड-19 के बेड को दुरुस्त करने के लिए काफी तेजी से काम किया जा रहा है. वहीं सदर अस्पताल में ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने वाली कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन ने अदालत को बताया कि ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक जून के प्रथम सप्ताह तक सदर अस्पताल में लगा दिया जाएगा.
कोर्ट ने दिया दो हफ्ते का वक्त
टैंक से जो कोविड-19 संक्रमितओं के लिए पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाना है. उसका कार्य 21 मई से प्रारंभ कर दी जाएगी और शीघ्र ही पूरी कर ली जाएगी. अदालत ने कंपनी और सरकार के जवाब पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए उन्हें फिर से 2 सप्ताह का समय देते हुए कहा है कि हर हाल में सदर अस्पताल में कोविड-19 संक्रमितओं के लिए जो बेड बनाए गए हैं. उसे पूरी तरह से दुरुस्त करें और अदालत को सूचित करें.
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क्या है मामला
झारखंड हाई कोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में 300 बेड चालू नहीं किए जाने पर प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और कंपनी को शीघ्र ही मामले में कार्य पूरा कर अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक कंपनी ने काम पूरा नहीं किया है.