रांची: धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) की संदेहास्पद मौत के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई को जांच का जिम्मा दिए जाने पर अपनी स्वीकृति देते हुए जांच शुरू करने का निर्देश दिया है. मामले की जांच की मॉनिटरिंग हाई कोर्ट करते रहेगी. सुनवाई के दौरान राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी नीरज सिन्हा, एडीजी संजय आनंद लाटकर भी उपस्थित रहे. दोनों ने अदालत के पूछे गए सवालों का जवाब दिया.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मॉर्निंग वॉक के दौरान संदेहास्पद मौत पर लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं सरकार के महाधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के डीजीपी नीरज सिन्हा और मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के प्रमुख संजय लाटकर अदालत में उपस्थित हुए.
अदालत के सवालों का एसआईटी टीम के प्रमुख ने दिया जवाब
अदालत ने एसआईटी टीम के प्रमुख और डीजीपी से पूछा कि, पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफी कराया गया कि नहीं? स्थल निरीक्षण की गई? सीसीटीवी फुटेज संग्रहित किया गया और क्या किया गया है? सरकार की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद जांच टीम के प्रमुख ने अदालत को बताया कि, मामले की जांच की जा रही है. आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है, लगातार पूछताछ की जा रही है, कई लोगों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लिया गया है. उन्होंने अदालत को बताया कि वीडियोग्राफी कर पोस्टमार्टम करवाया गया है, स्थल निरीक्षण किया गया है, लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को सस्पेंड भी किया गया है. सीसीटीवी फुटेज संग्रहित कर लिया गया है.
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