रांचीःकोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार करने पर देश में जश्न का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए देशवासियों को बधाई दी है. भाजपा के कार्यकर्ता टीका केंद्रों में जाकर मेडिकल स्टाफ और टीका लेने वालों का मुंह मीठा कराते नजर आए. इसे केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया जा रहा है. दूसरी तरफ झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इस उपलब्धि में खुशी का लम्हा नहीं दिखा. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार और भाजपा से पूछा कि क्या मातम को उत्सव के रूप में मनाया जा सकता है?
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माफी मांगने के बजाए जश्नः बन्ना
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कहा कि सेकेंड वेव के दौरान किसी न किसी रूप में सभी ने अपनो को खोया है. जख्म अभी भी गहरे हैं. केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि ऐसी स्थिति में जश्न नहीं मनाया जा सकता. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नमस्ते ट्रंप और इंटरनेशनल फ्लाइट की आवाजाही पर समय रहते रोक लग गई होती तो लाखों लोगों की जान नहीं जाती. इसके लिए तो प्रधानमंत्री को तो देश से माफी मांगनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा करने के बजाए देश को मुसीबत में डालने के बाद टीकाकरण की आड़ में जश्न मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी चुनौतियां खत्म नहीं हुई है. संभावित थर्ड वेव से निपटने की तैयारी पर फोकस करना चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ खास बातचीत स्वास्थ्य मंत्री से यह पूछा गया कि राज्य में संचालित 108 एंबुलेंस में सक्शन मशीन दुरूस्त नहीं किया जा रहा है. इससे जुड़े मेडिकल स्टाफ को पिछले कई माह से वेतन नहीं मिला है. उन्होंने इस प्रश्न के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार गठन के एक माह बाद ही वैश्विक संकट सामने आ गया. इसकी वजह से पूरा सिस्टम कोरोना से निपटने में लग गया. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की खामियों को दुरस्त करने का मौका तक नहीं मिल पाया. फिर भी उन्होंने भरोसे के साथ कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेक्टर में क्या कुछ बदलाव हुआ है, इससे आम लोग वाकिफ हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात को भी स्वीकार किया कि अभी भी कई कमियां हैं. उन कमियों को दूर करने की कवायद जारी है.
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आपको बता दे कि इसी वर्ष 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. इन नौ महीनों में राष्ट्रीय स्तर पर करीब 75 प्रतिशत लोगों को कोरोना टीका का पहला डोज लग चुका है. जबकि 31 प्रतिशत आबादी को दोनो डोज लगा है. इस मामले में झारखंड थोड़ा पीछे है. यहां अबतक करीब 60 प्रतिशत लोगों को ही पहला डोज लग सका है. झारखंड में 18 साल से ज्यादा उम्र के 2.46 करोड़ लोग हैं. इनमें 1.45 करोड़ को पहला डोज और 54.35 लाख को दोनों डोज लगा है. लिहाजा, इस दिशा में झारखंड के स्वास्थ्य महकमे को और सक्रियता दिखाने की जरूरत है.