रांची: कोविड-19 संक्रमण के पीरियड में प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार के लोन दिए जाने के प्रस्ताव पर झारखंड सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. राज्य सरकार ने कहा है कि एक तरफ जहां उसे जीएसटी कंपनसेशन के 2500 करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं. वहीं, दूसरी तरफ केंद्र के कर्ज दिए जाने का प्रस्ताव सही नहीं है. इस बाबत प्रदेश के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने साफ कहा कि यह गलत होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र के इस प्रस्ताव की वजह से राज्यों का भारत सरकार के ऊपर से विश्वास कम हो जाएगा. केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कंपनसेशन देने की बात कही थी. ट्रांजिशन पीरियड 22 जून तक है, ऐसे में अब केंद्र का यह कहना कि वह कर्ज देंगे यह सही नहीं है.
केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा पत्र
उन्होंने कहा कि इस बाबत केंद्र सरकार का एक पत्र आया है, जिसका जवाब झारखंड सरकार बना रही है. वित्त मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि एक तरफ केंद्र जहां लोन देने का प्रस्ताव रख रहा है. वहीं, दूसरी तरफ उस लोन का इंटरेस्ट राज्य सरकार को देना होगा. यह बिल्कुल सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह झारखंड सरकार की इकोनॉमी का प्राइमरी सेक्टर है, जिसने अभी तक राज्य की अर्थव्यवस्था को बचाए रखा है. प्रदेश के वित्त मंत्री उरांव ने साफ तौर पर कहा कि कृषि क्षेत्रक की वजह से झारखंड की अर्थव्यवस्था संभली हुई है. उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ प्राइमरी और टर्शियरी सेक्टर कोविड-19 की अवधि में बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.
मंत्री आलमगीर आलम ने भी जताई आपत्ति