रांची: झारखंड पुलिस उग्रवादियों और अपराधियों से मिली धमकी भरे फोन कॉल और पोस्टर के माध्यम से लेवी के 70 दिनों के रिकॉर्ड को तलाश रही है. झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी से पूरी जानकारी मांगी है.
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क्या है डीजीपी का आदेश
डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों भेजे गए पत्र में यह लिखा है कि उनके जिले में यदि फोन कॉल या पोस्टर के जरिए जबरन वसूली को लेकर कांड या सनहा दर्ज हुआ है तो उसकी जानकारी दें. वहीं, जिन जिलों में कोई धमकी भरा कॉल या पोस्टर के माध्यम से धमकी नहीं मिली है वहां शून्य रिपोर्ट भेजने का आदेश डीजीपी ने दिया है.
हाल के दिनों में बढ़े हैं धमकी के मामले
झारखंड की राजधानी रांची सहित धनबाद, लातेहार, जमशेदपुर सहित कई जिलों में हाल के दिनों में पोस्टर और वर्चुअल कॉल के माध्यम से रंगदारी मांगे जाने के मामले में बेतहाशा वृद्धि हुई है. रांची में पीएलएफआई के दो लाख के इनामी उग्रवादी चूहा जायसवाल के द्वारा कई कारोबारियों से रंगदारी की मांग इंटरनेट कॉल के जरिए की गई है. वहीं, धनबाद में भी कारोबारियों से पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है.
रंगदारी मांगने में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गिरोह भी है एक्टिव
पीएलएफआई नक्सलियों के अलावा इन दिनों जमशेदपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नाम पर भी लगातार रंगदारी की डिमांड की जा रही है. सुजीत सिन्हा उम्र कैद की सजा काट रहा है, लेकिन जेल से ही वह अपना गिरोह चला रहा है. सुजीत सिन्हा के नाम पर मयंक नाम का अपराधी कोयला कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से पैसे की मांग कर रहा है.
बॉडीगार्ड्स के लिए धमकी के मामले
एक तरफ जहां झारखंड के अलग-अलग शहरों में उग्रवादियों और अपराधियों के नाम पर फोन कर पैसे की मांग की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ कुछ लोग उग्रवादी संगठनों के नाम पर जानबूझकर बॉडीगार्ड पाने के लिए अपने ही फैक्ट्रियों और दूसरे संस्थानों में पोस्टरबाजी करवा रहे हैं. इस मामले को लेकर झारखंड के डीजीपी ने खुलकर उस दिन पहले ही यह बयान दिया था कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जांच के बाद उन पर अलग से कार्रवाई की जाएगी.