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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों का बरी हो जाना आश्चर्यजनक: कांग्रेस - झारखंड कांग्रेस की खबरें

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से सुनाए गए फैसले पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि मामले में सभी दोषियों का बरी हो जाना आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि इस मामले में झूठा शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट तक को बरगलाया गया.

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झारखंड कांग्रेस नेता

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Published : Sep 30, 2020, 6:16 PM IST

रांची: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से सुनाए गए फैसले पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों का बरी हो जाना आश्चर्यजनक है. यह सर्वविदित है कि ढांचा किसके उकसावे पर गिराया गया था.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे

'सुप्रीम कोर्ट तक को बरगलाया गया'
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना को गैर कानूनी अपराध करार दिया था. यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट तक को बरगलाया गया. इन सभी पहलुओं, तथ्यों और साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैर कानूनी अपराध ठहराया था. उन्होंने कहा कि पूरा देश साफ तौर पर यह जानता है कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए देश के सांप्रदायिक सौहार्द्र के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की थी और इस काम में उस वक्त की उत्तर प्रदेश की सरकार भी शामिल थी.

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'कानून की सच्ची परिपाटी'
शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि विशेष अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की ओर से तत्काल उच्च न्यायालय में अपील दायर कर संविधान का अनुपालन करना चाहिए. संविधान, सामाजिक सौहार्द्र और भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद और अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय और केंद्रीय सरकारें उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगी और बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून का पालन करेंगी. यही संविधान और कानून की सच्ची परिपाटी है.

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