रांची: कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा संघीय ढांचे का उल्लंघन कर संविधान को रौंदकर और संसदीय प्रणाली को दरकिनार कर किसान विरोधी तीन बिल पारित करने के विरोध में शनिवार को राज्यभर में प्रेस कांफ्रेंस किया. इसके माध्यम से किसान विरोधी बिल के बारे में आमजन को विस्तार से जानकारी दी गयी है. इसके तहत कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव सह वित्त मंत्री और विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने प्रेस को संबोधित करते हुए इस बिल के बारे में पूरी जानकारी दी.
प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की बीजेपी सरकार के द्वारा तीन बिल पास किए गए हैं, उसके बाद से देश के 62 करोड़ किसान और मजदूर सड़क पर उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफ किसानों के हित की बात करते हैं. लेकिन जो बिल पास किया गया है वह किसानों के लिए नहीं बल्कि कॉर्पोरेट घरानों के लिए है. वर्तमान में किसान फसल की उपज के बाद मंडियों में बेचने का काम करते हैं लेकिन इस बिल के माध्यम से सरकार ने किसानों को सुरक्षित नहीं छोड़ा है और ना ही मंडी में रहने वाले लोग ही सुरक्षित रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से किसानों को उपज की उचित दर से महरूम करने का भी प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि वर्तमान में एमएसपी के तहत उपज का मूल्य निर्धारित है. लेकिन किसानों के लिए जो बिल पास किए गए हैं, उसमें किसानों की उपज को 3 क्वालिटी में बांटा गया है. लेकिन उसके मूल्य निर्धारण का जिक्र बिल में नहीं किया गया है. ऐसे में अगर किसानों को उपज की सही मूल्य नहीं मिलती है तो गरीब किसान कोर्ट का दरवाजा भी नहीं खटखटा पाएंगे. ऐसे में यह किसान विरोधी बिल है और इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी आंदोलन करती रहेगी.