रांची: प्रदेश में तत्कालीन विपक्षी दलों के बने गठबंधन को चुनाव में मिले बहुमत के बाद बनने वाली सरकार के लिए एक कॉमन एजेंडा पर विचार किया जा सकता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के नेतृत्व में रविवार को नई सरकार शपथ ग्रहण करने जा रही है.
घोषणा पत्र पर लड़े चुनाव
हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने प्रदेश का विधानसभा चुनाव अपने-अपने घोषणा पत्र पर लड़ा था. लेकिन अब इस बात को लेकर विचार हो रहा है कि एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बने. दरअसल, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को जन घोषणा पत्र की संज्ञा दी थी. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने मेनिफेस्टो को निश्चय पत्र नाम दिया था.
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बनेगा न्यूनतम साझा कार्यक्रम
चुनावों में 16 सीट लानेवाली झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने की बात कही है. जेपीसीसी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि सरकार गठबंधन की बनी है तो न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय होंगे. यह एक दस्तावेज होगा जो राजनीति के आईने के रूप में गठबंधन की सरकार के कामों को दिखाएगा. उन्होंने कहा कि यह सभी चीजें पार्टी नेतृत्व और गठबंधन के सहयोगी तय करेंगे. उन्होंने कहा कि सारी बातों को ध्यान में रखते हुए यह न्यूनतम कार्यक्रम 100 दिन या 365 दिन का बनाया जा सकता है.