रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव करीब आते ही सभी पार्टियां अपने विरोधी दल को चुनौती देने के लिए ताल ठोक रही है. इसे लेकर झारखंड में जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) भी अपने लोकप्रिय नेता नीतीश कुमार के नाम पर जनता के बीच अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए लगातार जनसंपर्क अभियान चला रही है.
बुधवार को जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव सह राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने रांची से जनभावना रैली को हरी झंडी दिखाकर रांची से पटना तक के लिए रवाना किया. इस रैली के माध्यम से जेडीयू के कार्यकर्ता पलामू प्रमंडल के गढ़वा, मनिका, पांकी, लेस्लीगंज, पाटन समेत आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर जनता के बीच जेडीयू के एजेंडे को बताएगी.
झारखंड में सेवा करने का दें मौका
जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता श्रवन कुमार ने बताया कि जिस प्रकार से पिछले 19 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी और बाबूलाल मरांडी को जनता ने मौका दिया उसी प्रकार एक बार जनता से अपील करते हैं कि जनता दल यूनाइटेड को भी झारखंड में सेवा करने का मौका दें. ताकि झारखंड को भी विकास के रथ पर सवार कर तेज गति दे सकें.
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जेएमएम और बीजेपी पर बोला हमला
जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार ने जेएमएम और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद कई बार भाजपा, जेएमएम और कांग्रेस की सरकार बनने के बावजूद भी राज्य का विकास बेहतर तरीके से नहीं हो पाया है. वहीं झारखंड का पड़ोसी राज्य बिहार पूरे देश में अपराध के लिए बदनाम था लेकिन आज नीतीश कुमार के सुशासन में बिहार का नाम हो रहा है. इसीलिए हम झारखंड की जनता से आगामी विधानसभा चुनाव में वोट मांग रहे हैं ताकि सरकार में आकर राज्य के आदिवासियों और पिछड़ों का तेजी से विकास कर सकें. वहीं पिछले दिनों जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी कार्यकर्ता सम्मेलन कर राज्यभर के सक्रिय कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने का काम किया था.
झारखंड में सक्रिय हुआ जेडीयू
बता दें कि साल 2005 में पूरे राज्य में जनता दल यूनाइटेड के चार से पांच विधायक हुआ करते थे लेकिन वक्त के साथ-साथ जनता दल यूनाइटेड कि राज्य में पकड़ कमजोर होने लगी और पिछले एक दशक से जनता के बीच जेडीयू समाप्त हो गई थी, लेकिन पड़ोसी राज्य बिहार में सरकार में रहने की वजह से जनता दल यूनाइटेड ने एक बार फिर झारखंड में अपना पांव पसारना शुरू किया है.
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सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर साधा निशाना
7 सितंबर को झारखंड में हुए नीतीश दौरे के बाद राज्य में जेडीयू बिहार की तरह ही आधी आबादी (महिला) वोट को अपने पाले में लाने के लिए शराबबंदी लागू करने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ आदिवासियों के वोट को रुझाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए सीएनटी-एसपीटी एक्ट के साथ छेड़खानी करने का भी आरोप लगा रहे हैं ताकि आदिवासियों वोट को जेडीयू की झोली में डाली जा सके.
विरोधियों के लिए जेडीयू बन रही चुनौती
इधर, जनता दल यूनाइटेड झारखंड में अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए दो बड़ी पार्टियों के लिए चुनौती बन रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस प्रकार नीतीश कुमार ने बिहार में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है, क्या अब उसी प्रकार बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में भी जनता के बीच अपनी लोकप्रियता कायम करने में कामयाबी हासिल कर पाएंगे.