नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के हजारीबाग से BJP सांसद जयंत सिन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण झारखंड में स्थिति भयावह होते जा रही है. बहुत ही दयनीय स्थिति है. करीब 12,000 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं और 105 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
'मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में प्रशासनिक कुशलता नहीं है, वो पूरी तरह फेल'
जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखंड सरकार को काफी समय मिला था, लेकिन सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को उस दौरान दुरुस्त नहीं किया. लोगों को अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से सभी राज्यों की हर संभव मदद की है. झारखंड की भी पूरी मदद की. लेकिन अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए झारखंड सरकार कहती है केंद्र सरकार कोरोना संकट में मदद नहीं की. उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र हजारीबाग में राज्य सरकार ध्यान ही नहीं दे रही है. इस संकट के दौर में वे और हजारीबाग में जितने विधायक हैं, सब मिलकर जनता की सेवा कर रहे हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में प्रशासनिक कुशलता नहीं है, वो पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं.
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'अपने संसदीय क्षेत्र में तीन लाख से ज्यादा मास्क बांटे'
उन्होंने कहा कि अपने संसदीय क्षेत्र में तीन लाख से ज्यादा मास्क बांटे, अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, PPE किट की व्यवस्था कराई. लोगों को हर जरुरी संसाधन मुहैया कराया. क्वॉरेंटाइन सेंटर भी कई जगह हजारीबाग में बनवाया था. राज्य सरकार ने तो हजारीबाग की मदद ही नहीं की. झारखंड में डॉक्टर-नर्स को राज्य सरकार PPE किट, मास्क नहीं देती, स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. मौजूदा दौर में राजनीति करने के बजाय झारखंड सरकार को जनता की सेवा करनी चाहिए. झारखंड में कोरोना बाद में पहुंचा. झारखंड सरकार को तैयारी करने का काफी समय मिला था, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया और इसी कारण आज स्थिति दयनीय है.
'झारखंड सरकार पूरी तरह से कंफ्यूज है'
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को हर 2-3 दिन में एक बार प्रेसवार्ता करनी चाहिए और जो मौजूदा स्थिति है उसकी जानकारी जनता को देनी चाहिए. झारखंड सरकार ने 31 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाया है, लेकिन लॉकडाउन का अच्छे से पालन नहीं हो रहा है. कोरोना को लेकर गलत नियम कानून भी बनाया जा रहा है. झारखंड सरकार ने नियम बनाया था कि जो मास्क नहीं पहनेगा उसको 1 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा, या दो साल की जेल होगी. सिन्हा ने कहा कि ये बहुत ही गलत निर्णय था. झारखंड सरकार पूरी तरह से कंफ्यूज है और उसको समझ ही नहीं आ रहा है कि कोरोना से कैसे लड़ना है.
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'झारखंडवासियों से आग्रह है कि सामाजिक दूरी बनाकर रहें'
जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखंडवासियों से आग्रह है कि सामाजिक दूरी बनाकर रहें, मास्क जरुर पहना करें. कोरोना के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और झारखंड सरकार ने जो गाइड लाइन जारी किए उसका पालन करें. स्थिति यह है कि कोरोना से जिन लोगों की मौत हो रही है, उनका अंतिम संस्कार कराने में उनके परिजनों को दिक्कत आ रही है.