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जगन्नाथ रथयात्राः 10 दिनों तक लगेगा मेला, बालूशाही और खाजा मिठाई की बढ़ी डिमांड - Ranchi news

रांची के जगन्नाथपुर में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. इस दौरान 10 दिनों तक मेला लगता है. इस मेले में बालूशाही, खाजा और गाजा मिठाई की काफी डिमांड होती है. इससे मिठाइयों की दुकान सज गई है.

Jagannath Rath Yatra
10 दिनों तक लगेगा मेला

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Published : Jun 30, 2022, 10:19 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 7:30 PM IST

रांचीः जगन्नाथपुर में रथयात्रा के दौरान 10 दिनों तक मेला लगता है. इस मेले में आने वाले लोगों को कई चीज आकर्षित करती है. लेकिन मिठाई के शौकीन लोगों के लिए जगन्नाथपुर मेले में कई ऐसे ही मिठाइयां हैं, जिसे देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाए. जगन्नाथपुर मेले में सबसे ज्यादा बिकने वाली मिठाइयों में पहले स्थान पर बालूशाही तो दूसरे नंबर पर गाजा और तीसरे पर खाजा है. इन तीनों मिठाइयों की मेले में जबरदस्त मांग है. इसका अंदाजा आप तस्वीर को देखकर लगा सकते हैं. इस मेले में 50 दुकानें सिर्फ बालूशाही और गाजा मिठाई के हैं, जहां अलग-अलग जिलों से लोग मेले में लेने आते हैं.

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जगन्नाथपुर मेले में मिठाई बनाने वाले अधिकांश कारीगर बंगाल से आते हैं. कहा जाता है कि बंगाल के कारीगर इतना बेहतरीन बालूशाही और गाजा बनाते हैं, जो काफी स्वादिष्ट होता है. वर्तमान समय में मेले में बनाई गई मिठाई दुकानों में 100 से ज्यादा बंगाल के कारिगर काम कर रहे हैं, जो दिन-रात मिठाई बनाने में व्यस्त हैं. बालूशाही, खाजा और गाजा इस महंगाई में भी 150 से 200 रुपये प्रति किलो बिकता है.

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एक तरफ जहां बंगाल के कारीगर बालूशाही और गाजा बनाने में माहिर है तो दूसरी तरफ बिहार के कारीगरों को खाजा बनाने में महारत हासिल है. शादी ब्याह के अवसर पर खाजा मिठाई हर जगह दिखाई पड़ता है. लेकिन उसी खाजा की मांग जगन्नाथपुर मेले में बहुत ज्यादा है. इसलिए बिहार से आकर कारीगर खाजा बना रहे हैं. खाजा बनाने को लेकर दुकानदार बिहार से विशेष तौर पर कारीगरों को बुलाते हैं, जो दिन रात मेहनत कर खाजा बना रहे हैं.



सबसे हैरानी की बात तो यह है कि बंगाल के कारीगर आज भी मेले में आकर बालूशाही और गाजा का बनाते हैं. इससे पहने उनके दादा-परदादा भी मेले में आकर यही काम किया करते थे. कहा जाए तो यह उनका पुश्तैनी धंधा है. जब कभी रथ मेला लगता है तो वह एक महीना के लिए झारखंड की राजधानी रांची आ जाते हैं और एक महीने में अच्छी कमाई कर लेते हैं.



रथ यात्रा में बंगाल के कारीगरों की ओर से बनाए गए बालूशाही और गाजे की डिमांड इतनी है कि 10 दिनों के भीतर 100 क्विंटल के लगभग बालूशाही और गाजे की बिक्री होती है. दरअसल 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में झारखंड के खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा जैसे जिलों से हजारों की संख्या में लोग मेला घूमने हैं. दो वर्ष पहले जगन्नाथपुर के रथ मेला में 3 लाख लोगों ने शिरकत की थी. इस साल दो साल बाद मेला लग रहा है तो दुकानदारों को उम्मीद है कि इस बार तीन लाख से ज्यादा लोग आ सकते हैं. बताया जाता है कि जगन्नाथपुर मेले में आने वाले भगवान जगन्नाथ के भक्त बिना बालूशाही और गाजा खरीदे वापस नहीं लौटते हैं.

Last Updated : Jul 1, 2022, 7:30 PM IST

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