रांची: रिम्स में इन दिनों कोरोना ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकलकर्मियों को तीन वक्त का भोजन दिया जा रहा है. यह खाना रिम्स के पेइंग वार्ड स्थित कैंटीन से रिम्स प्रबंधन की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है. मंगलवार को वेंटिलेटर टेकनीशियन प्रिया रिम्स के किचन से खाना लेकर कॉटेज नंबर छह में गईं. उन्होंने खाना खोला तो दाल में मरी हुई छिपकली देखा उसने तत्काल कैंटीन के प्रबंधक को सूचना दी. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसको लेकर चिकित्सा अधीक्षक ने 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है.
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डॉ. शालिनी सुंदरम बनी जांच कमेटी की अध्यक्ष
जांच कमेटी का अध्यक्ष डॉ. शालिनी सुंदरम को बनाया गया है. कमेटी को यह आदेश दिया गया है कि रिम्स कैंटीन का निरीक्षण कर वहां की खामियों पर अपना जांच प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर सौंपे. जांच कमेटी की सदस्य रामरेखा राय ने बताया कि मंगलवार को रिम्स कैंटीन से दिए गए खाने में छिपकली मिलने की जानकारी हुई, जिसके बाद उन्होंने सभी लोगों से पूछताछ की. खाने में छिपकली मिलने की टेकनीशियन की शिकायत के बाद रिम्स इमरजेंसी में उसकी जांच कराई गई थी. पिछले 1 साल से रिम्स पेइंग वार्ड के कैंटीन से लोगों को खाना दिया जा रहा है, लेकिन किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई है. पिछले साल कैंटीन के कई कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हुए बावजूद इसके कैंटीन संचालक ने बाहर से कर्मचारियों को बुलाकर डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल के स्टाफ को खाना खिलाया.