रांची: झारखंड में कोविड-19 पांव पसारता जा रहा है. कोरोना ने अब राजनीतिक गलियारे में भी दस्तक दे दी है. झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर और धनबाद के टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो संक्रमित पाए गए हैं. यह जानकारी सामने आते ही सीएम आवास से लेकर सचिवालय तक हड़कंप मचा हुआ है.
मंत्री बन्ना गुप्ता से खास बातचीत झारखंड में अबतक कम्युनिटी स्प्रेड नहीं
हालांकि, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि झारखंड में अभी तक कम्युनिटी स्प्रेड नहीं हुआ है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी हालात से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट है. उन्होंने कहा कि सरकार की पहली कोशिश है कि संक्रमितों को सही इलाज देकर ठीक किया जाए. झारखंड में टेस्टिंग की रफ्तार कम होने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दुमका, पलामू और हजारीबाग में बहुत जल्द जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. लिहाजा, आने वाले समय में साढ़े चार से 5 हजार के बीच प्रतिदिन जांच होने लगेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डेढ़ सौ ट्रूनेट मशीन भी मंगाए गए हैं. इससे जांच की गति में तेजी आएगी.
मंत्री बन्ना गुप्ता से खास बातचीत आपदा तैयारियों पर बोले मंत्री बन्ना गुप्ता
बारिश के मौसम में वज्रपात और सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. झारखंड में हर साल औसतन ढाई सौ लोगों को जान गंवानी पड़ती है. आपदा प्रबंधन मंत्री होने के नाते बन्ना गुप्ता से आपदा तैयारियों से जुड़े सवाल किए गए. उन्होंने कहा कि झारखंड गठन के बाद आज तक किसी भी सरकार ने आपदा प्रबंधन को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की थी. वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कवायद शुरू की है और बहुत जल्द आपदा प्रबंधन प्राधिकार का गठन होगा.
NDRF से दिलाई जाएगी ट्रेनिंग
ऐसा होने पर एसडीआरएफ को एनडीआरएफ से विशेष ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. आपदा मित्र नियुक्त किए जाएंगे. वैसे जगहों को चिन्हित किया जाएगा, जहां वज्रपात की घटनाएं ज्यादा होती हैं. मौसम विभाग के अलर्ट के हिसाब से संभावित क्षेत्र के लोगों को समय रहते वज्रपात से बचाया जाएगा. इसके लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में वज्रपात की घटनाएं ज्यादा होती हैं वैसे इलाकों में नारियल के पेड़ लगाए जाएंगे. आमतौर पर ऐसे समय में लोग धान की खेती के लिए खेतों में मौजूद होते हैं और मेटल का डंडा लगा छतरी का इस्तेमाल करते हैं. इसकी वजह से वज्रपात की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है.
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लिहाजा, आपदा प्रबंधन प्राधिकार के गठन के बाद ऐसी तमाम लापरवाही से लोगों को अवगत कराया जाएगा. जहां-जहां जरूरत होगी वहां तड़ित चालक भी लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सर्पदंश की वजह से भी बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी वेनम इंजेक्शन मुहैया कराया जाएगा.