रांची: यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग के विद्यार्थियों की ओर से अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौके पर एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसकी थीम "वी आर पार्ट ऑफ द सोल्यूशन" अर्थात् "हमलोग समाधान का हिस्सा हैं" थी. जिसकी अध्यक्षता डॉ. आंनद कुमार ठाकुर ने की.
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जैविक विविधता के बारे में दी जानकारी
मौके पर उन्होंने कहा कि जैव विविधता की क्षति होने से इको सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है और इसका मुख्य कारण है कि वन्य प्राणियों, पौधों, सूक्ष्म जीवों का घर हमारे कारण तबाह हो जा रहे हैं. उन्होंने सतत विकास के बारे में बताया. इस मौके पर डॉ. नीता लाल भी उपस्थित थी. इस कार्यक्रम में जूलॉजी सेमेस्टर वन विभाग के सभी छात्र और छात्राएं ऑनलाइन शामिल हुए. इस प्रोग्राम का संचालन छात्रा उज्मा शमीम ने बहुत ही बेहतर ढंग से किया. उसने भारत और झारखंड के जैविक विविधता के बारे में विस्तार से बताया.
प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
इस मौके पर स्नेहा कुजूर 'आंसर लाई विद इन अस' पर विचार प्रकट किए. रीभा मेहता ने विलुप्त हो रही प्रजातियों के बारे में बताया. पुष्कर राज ने झारखंड के जैवविधिता केा विस्तार प्रकट से किया और रांची और उसके इर्द-गिर्द जैव विविधता पार्क, वाटर पार्क, डियर पार्क, क्रोकोडाइल पार्क के बारे में सभी को बताया. इस अवसर पर एक क्विज का भी आयोजन किया गया. जिसका संचालन अनामिका और आकृति ने किया. पूछे गए प्रश्नों में मुख्य रूप से झारखंड का राजकीय पक्षी, फूल, पौधा, जंतु के बारे में था. इसमें सभी प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.