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निवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए उद्योग सचिव ने की बैठक, व्यवसायियों ने लगाई शिकायतों की झड़ी

झारखंड सरकार ने राज्य के पांच लाख लोगों को रोजगार और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है. उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल (Pooja Singhal) ने व्यवसायिक संगठनों के साथ बैठक की. जिसमें कई मुद्दों को लेकर चर्चा की.

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उद्योग सचिव ने की बैठक

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Published : Sep 16, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 6:02 PM IST

रांची: झारखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हेमंत सरकार ने नई औद्योगिक नीति 2021 लाया है. जिसके तहत झारखंड में पांच लाख लोगों को रोजगार और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. इसे जमीन पर उतारने के लिए उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल (Pooja Singhal) ने गुरुवार को झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स सहित विभिन्न व्यवसायिक संगठनों के साथ बैठक की. राजधानी के एक होटल में आयोजित इस बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

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उद्योग लगाने के लिए लंबित आवेदन पर हुई चर्चा

बैठक में उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति -2021 के बारे में जानकारी देते हुए व्यवसायियों की समस्याओं को जाना. चैम्बर ऑफ कामर्स की ओर से विभिन्न विभागों में लंबित पड़े आवेदनों की शिकायत की गई. जियाडा और अन्य विभागों से समन्वय के अभाव के कारण राज्य के उद्योगपतियों को हो रही परेशानी को बैठक में प्रमुखता से रखा गया. झारखंड चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने विभागीय सचिव के सामने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि जियाडा और अन्य विभागों में बनी कमिटी में एडवाइजर व्यवसायिक संगठनों को बनाया जाय. उन्होंने कहा कि क्लियरेंस के लिए लंबित आवेदन एक निश्चित समय में निष्पादित हो.

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उद्योग सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश

उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने सभी विभागों के अधिकारियों को अगले महीने तक कम से कम पचास प्रतिशत तक क्लियरेंस पूरा करने का निर्देश दिया है. पूजा सिंघल ने कहा कि बेबजह आवेदन को पेंडिंग नहीं रखा जाय. व्यवसायिक संगठनों के साथ हर महीने बैठक होगी. जिसमें उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. साथ ही लंबित आवेदन की भी समीक्षा की जाएगी. दो सत्रों में चली इस बैठक में उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह के अलावा, ऊर्जा विभाग, वन विभाग, प्रदुषण नियंत्रण विभाग सहित कई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.

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पांच सेक्टर पर नई औद्योगिक नीति में है फोकस


नई औद्योगिक नीति में पांच सेक्टर टेक्सटाइल एंड अपेरल, ऑटोमोबाइल्स, ऑटो कंपोनेंट्स एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रोफूड प्रोसेसिंग एंड मीट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, फार्माक्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग पर सर्वाधिक फोकस किया गया है. नई औद्योगिक नीति के तहत आठ सेक्टर स्टार्टअप एंड इक्यूबेसन सेंटर्स, शिक्षा एवं तकनीकी संस्थान, हेल्थकेयर, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, ब्रुअरी एंड डिस्टीलरी पर खास ध्यान रखा गया है.

नई औद्योगिक नीति में दी जाएगी अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी

वहीं नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में पहली बार जल्द भौतिक रूप से काम शुरू करने के लिए यूनिट को पांच प्रतिशत की अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी. इसी प्रकार निजी विश्वविद्यालय, मेडिकल एजुकेशन एंड हेल्थ केयर फैसिलिटी को इनसेंटिव का प्रावधान किया गया है. कॉप्रिहेंसिव प्रोजेक्ट इंसेंटिव, स्टांप ड्यूटी रिम्बर्समेंट, क्वालिटी सर्टिफिकेशन एंड रजिस्ट्रेशन में मदद सरकार की ओर से उपलब्ध होगी.

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राज्य में औद्योगिक माहौल बनाने पर विशेष जोर


झारखंड में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई बार पॉलिसी बनी. हर बार समुचित माहौल के साथ भारी भरकम निवेश और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया गया. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पिछली गलतियों से सीख लेते हुए राज्य सरकार इस बार फूंक फूंककर कदम उठा रही है. जिससे राज्य में औद्योगिक माहौल बन सके.

Last Updated : Sep 16, 2021, 6:02 PM IST

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