दिल्ली/रांचीः टाटा ट्रस्ट की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 के मुताबिक झारखंड न्याय दिलाने के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2019 में झारखंड 16वें पायदान पर था और एक साल में 8 पायदान की छलांग लगाकर 8वें पायदान पर पहुंच गया है.
टाटा ट्रस्ट की ओर से जारी इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2020 के मुताबिक, महाराष्ट्र के बाद देश में लोगों को न्याय देने के मामले में तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और केरल का स्थान है. एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्यों में त्रिपुरा, सिक्किम और गोवा अपने नागरिकों को सबसे ज्यादा न्याय दे रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में महिला जजों की संख्या महज 29 प्रतिशत है. हालांकि हाई कोर्ट में महिला जजों का औसत 11 से बढ़कर 13 प्रतिशत, जबकि सहायक अदालतों में 28 से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है, लेकिन रिपोर्ट की प्रस्तावना लिखने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एमबी लोकुर ने लंबित मुकदमों की संख्या पर चिंता जताई है.
जस्टिस लोकुर के मुताबिक, नेशनल ज्युडिशियल डाटा ग्रिड के हिसाब से 3.84 करोड़ से ज्यादा मुकदमे जिला अदालतों में लंबित है. इसमें सभी हाई कोर्ट में लंबित 47.4 लाख मुकदमे भी जोड़ दें तो यह संख्या 4 करोड़ के पार पहुंच जाती है. उन्होंने इस हालत से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर न्यायिक सुधार की आवश्यकता जताई है.