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रांची यूनिवर्सिटी में जनजाति और क्षेत्रीय भाषा विभाग हुआ स्वतंत्र, टीएन साहू बने पहले डीन

रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग का स्वतंत्र संकाय गठित किया गया है. नई अधिसूचना के मुताबिक अब सभी नौ भाषाओं को स्वतंत्र विभाग फैकल्टी ऑफ ट्राइबल एंड रीजनल लैंग्वेज के अंतर्गत संचालित किया जाएगा.

ranchi university
रांची यूनिवर्सिटी

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Published : Sep 23, 2021, 11:50 AM IST

रांची: बुधवार ( 22 सितंबर ) को आरयू ( Ranchi University) के अंतर्गत जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग का स्वतंत्र संकाय गठित किया गया है. रांची विश्वविद्यालय की तरफ से इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है.

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स्वतंत्र विभाग के अंतर्गत 9 भाषा

नई अधिसूचना के मुताबिक अब सभी नौ भाषाओं को स्वतंत्र विभाग फैकल्टी ऑफ ट्राइबल एंड रीजनल लैंग्वेज के अंतर्गत संचालित किया जाएगा. विश्वविद्यालय की एकेडेमिक काउंसिल और सिंडिकेट के निर्णय के तहत अलग संकाय का गठन भी किया गया है. जिसकी पहले डीन विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर और नागपुरी के यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर टीएन साहू होंगे. टीएन साहू को टीआरएल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. साथ ही अलग विभागों के संचालन के लिए रांची वीमेंस कॉलेज की तीन और बीएनजे कॉलेज सिसई की एक सहायक प्राध्यापक का ट्रांसफर विश्वविद्यालय विभाग में किया गया है.

हो और संथाली में नहीं हैं शिक्षक

विश्वविद्यालय में हो और संथाली भाषा में कोई शिक्षक नहीं हैं. डॉक्टर हरि उरांव को कुडुख के अलावा हो और संथाली का भी विभागाध्यक्ष बनाया गया है. जबकि डॉक्टर उमेश नंद तिवारी को नागपुरी विभाग का विभागाध्यक्ष बनाया गया है. वीमेंस कॉलेज की खड़िया की सहायक प्राध्यापक डॉक्टर मेरी डी सोरेन का तबादला विश्वविद्यालय के खड़िया विभाग में किया गया है. जबकि वीमेंस कॉलेज के खोरठा विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉक्टर कुमारी शशि और कुरमाली विभाग की सहायक प्राध्यापक गीता सिंह का विश्वविद्यालय विभाग में तबादला किया गया है. बीएनजे सिसई कॉलेज के कुरमाली विभाग की नलय राय भी विश्वविद्यालय विभाग में स्थानांतरित की गई है.

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