नई दिल्लीः झारखंड से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि अपने देश की महानता है कि यहां कई धर्म हैं और सब साथ रहते हैं. भारत में करीब 700 से अधिक जनजातियां हैं और वह देश के कोने-कोने में कई राज्यों में फैले हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें से कई अपने आप को सनातन व्यवस्था से जुड़ा हुआ मानते हैं. वैसे आदिवासी जो खुद को सरना धर्म का अनुयायी मानते हैं झारखंड के अलावा और भी कई राज्यों में फैले हुए हैं.
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महेश पोद्दार ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि किसी दबाव में नहीं आकर सभी पक्षों और पहलूओं को ध्यान में रखते हुए सरना धर्म कोड पर केंद्र सरकार निर्णय लेगी और इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनने देगी. बिहार, झारखंड, ओडिशा समेत कुछ राज्यों में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है.
यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है. प्रस्ताव में आदिवासियों के लिये अलग धर्म कोड का प्रस्ताव है. प्रस्ताव में आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने का प्रस्ताव है. वहीं, झारखंड सरकार के केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि केंद्र सरकार जल्द इसपर विचार करे.