रांची: कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है. हमारा देश भारत भी महामारी से अछूता नहीं है यही वजह है कि 14 अप्रैल तक पूरे भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है. लॉकडाउन में कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकले इसकी जिम्मेवारी कानून के रक्षक ही निभा रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम रांची में कानून के रक्षक अपने आपको कोरोना जैसे घातक वायरस से किस तरह बचा कर रख रहे हैं, इसकी रियलिटी चेक भी की.
राजधानी रांची में लॉकडाउन की वजह से भले ही अपराध के आंकड़ों में भारी गिरावट हुई है, लेकिन इसके बावजूद छोटे-मोटे वारदातों से संबंधित मामले थाने में आते रहते हैं. चूंकि कोरोना वायरस एक दूसरे को छूने से फैलने वाला बीमारी है. ऐसे में हाथों को बेहतर ढंग से धोना, मास्क पहनना और सेनेटाइजर का यूज करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करना ही इस बीमारी का एकमात्र बचाव है. ईटीवी भारत की टीम ने रांची के डोरंडा थाने का जायजा लिया और यह देखा कि आखिर हमारी सुरक्षा का भार अपने कंधों पर लिए पुलिसकर्मी क्या अपने सुरक्षा के लिए सजग हैं? क्या उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए थाने में कोई इंतजाम किया है?
पड़ताल में दिखे जागरूक हैं पुलिस वालें
ईटीवी भारत की टीम जब थाने पहुंची तब उसने सबसे पहले यह देखा कि थानेदार अपने कक्ष से बाहर थाना परिसर में ही बैठे हुए थे. थानेदार के कुर्सी से करीब 2 मीटर की दूरी पर एक लाल कलर का रिबन लगा हुआ था. रिबन के पास ही एक पुलिस का जवान हाथ में सेनेटाइजर की बोतल लिए हुए खड़ा था. हम जैसे ही लाल रिबन के नजदीक पहुंचे सबसे पहले वहां खड़े पुलिस के जवान जितेंद्र सिंह ने हमारा हाथ हमारी माइक आईडी को सेनेटाइज किया और उसके बाद थानेदार से मिलने जाने दिया.