रांचीः राज्य का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ पूरी तरह से खराब हो चुका है. इसे बदलने या फिर इसकी मरम्मत को लेकर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. मामले को लेकर खिलाड़ियों की ओर से भी शिकायत की जा रही है. इसके बावजूद विभागीय स्तर पर कोई पहल होता नहीं दिख रहा है.
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भारतीय हॉकी जगत में झारखंड के खिलाड़ियों का हमेशा ही दबदबा रहा है. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी झारखंड के हॉकी खिलाड़ियों ने खेल के माध्यम से देश-दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया है. झारखंड में खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास और उन्हें तराशने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियम का निर्माण हुआ है. राजधानी रांची के मोरहाबादी में जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम का निर्माण वर्ष 2011 में 34वें राष्ट्रीय खेल आयोजन से पहले किया गया था. लेकिन उसके बाद इस एस्ट्रोट्रफ स्टेडियम की ओर किसी का भी ध्यान सही तरीके से नहीं गया.
मुख्यमंत्री को भी कराया जा चुका है मामले से अवगतइस स्टेडियम की मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ एस्ट्रोट्रफ को बदलने को लेकर खिलाड़ियों की ओर से बार-बार मांग उठाई जाती रही है. लेकिन अब तक स्टेडियम अपनी बदहाली का रोना रोता रहा है. मामले को लेकर खेल विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जा चुका है. लेकिन इस ओर पहल होता नहीं दिख रहा है. राष्ट्रीय स्तर के कई आयोजन को शिफ्ट कर सिमडेगा जैसे जिलों में करवाया जा रहा है. जबकि राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के एकलौता स्टेडियम का कायाकल्प करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
रांची के हॉकी स्टेडियम का एस्ट्रोटर्फ खराब हो चुका सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप का ट्रायल सिमडेगा में होगा एक बार फिर सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप 2021 के लिए हॉकी झारखंड का ट्रायल सिमडेगा स्थित एस्ट्रोट्रफ हॉकी स्टेडियम में हो रहा है, जबकि यह आयोजन पहले रांची में होना था. इस स्टेडियम और एस्ट्रोटर्फ की हालत देखकर ही इस आयोजन को सिमडेगा जिला में शिफ्ट कर दिया गया. हॉकी की नर्सरी और खेल का हब माने जाने वाले झारखंड के स्टेडियम की इस हालत से अधिकारियों की कुंभकरणी नींद भी नहीं खुल रही है.
स्टेडियम का बदहाल एस्ट्रोटर्फ इस मामले को लेकर हॉकी झारखंड के प्रशासनिक पदाधिकारी भी मौन धारण किए हुए हैं तो वहीं विभागीय अधिकारियों के भी कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है. मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने विभागीय पदाधिकारियों से भी बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी फाइल विभाग के पास है, विभाग से दिशा निर्देश मिलने के बाद इस पर काम शुरू होगा.