रांचीः झारखंड के 11 गैर-अनुसूचित जिलों (11 Non-Scheduled Districts of Jharkhand) में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति (High School Teacher Appointment) की आस जगी है. गैर-अनुसूचित जिलों में नियुक्ति जल्द प्रारंभ हो सकती है. बरसों से नियुक्ति की आस लगाए बैठे हुए अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी भी हो सकती है.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट में इस संबंध में आवेदन दिया जा सकता है. उसके बाद झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) मामले पर रूकी हुई सुनवाई पूरी कर सोनी कुमारी (Soni Kumari) के मामले में झारखंड हाई कोर्ट से दिए गए आदेश के पैराग्राफ 66 को ध्यान में रखते हुए अपना फैसला ले सकता है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद 11 गैर-अनुसूचित जिला के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को एक तरह से राहत मिली है, अब नियुक्ति की उम्मीद भी बढ़ने लगी है.
राज्य में वर्ष 2016 में स्थानीय नीति बनाकर 13 अनुसूचित जिलों को सिर्फ उसी जिला के अभ्यार्थी के लिए आरक्षित कर और 11 जिलों को गैर-अनुसूचित घोषित कर जिसमें सभी अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं, यह कहते हुए हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) की ओर से विज्ञापन निकाला गया. परीक्षा प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की गई. इस बीच राज्य सरकार की 13 अनुसूचित जिलों को आरक्षित किए जाने के फैसले को हाई कोर्ट में सोनी कुमारी ने चुनौती दी.
इसको लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सरकार के इस नियोजन नीति को रद्द कर दिया. वहीं उस फैसले में 11 जिलों के लिए किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई. राज्य सरकार की ओर से उन 11 जिलों के अभ्यर्थी की भी नियुक्ति प्रक्रिया बंद कर दी गई. सरकार के उस फैसले के खिलाफ सुनील कुमार वर्मा और अन्य अभ्यर्थी झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उस याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर है. इसलिए फिलहाल इस मामले पर सुनवाई ना की जाए.
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अदालत ने महाधिवक्ता के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने तक सुनवाई को स्थगित कर दिया. झारखंड हाई कोर्ट की ओर से सुनवाई को स्थगित किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को हाई कोर्ट में आवेदन देने को कहा है. हाई कोर्ट को मामले पर सुनवाई का फैसला लेने का निर्देश दिया गया है.