रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड सरकार की मंगलवार 28 अप्रैल को किए गए 35 आईपीएस ऑफिसर के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मामले पर सुनवाई की. वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड हाई कोर्ट के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में अपना पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने दायर किया गया यह जनहित याचिका जनहित का नहीं है इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए.
उन्होंने कहा कि पुलिस को इससे अलग रखा गया है इसलिए पुलिस का स्थानांतरण किया जा सकता है. अदालत ने उनके जवाब पर संतुष्टि जाहिर कर इसे जनहित का याचिका नहीं मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि कोरोना के इस विभीषिका में इतने बड़े पैमाने पर आईपीएस का स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें पहले क्वॉरेंटाइन करना चाहिए अदालत ने उनकी दलील पर असहमति जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.