रांची: राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक और सत्तारूढ़ पार्टी JMM आज अपनी स्थापना का गोल्डन जुबली मना रहा है. धनबाद में 04 फरवरी 1972 को झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना विनोद बिहारी महतो, एके राय और शिबू सोरेन ने मिलकर की थी. पार्टी के 50 साल पूरे होने पर केंद्रीय कार्यालय में JMM के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से कोई बड़ा आयोजन झामुमो के स्थापना के 50 साल होने पर नहीं हो रहा है. पर धनबाद और बोकारो जिले में स्थानीय स्तर पर कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए आज का दिन मनाया गया है.
रघुवर राज पर निशाना
सुप्रियो भट्टाचार्या ने 2016 में रघुवर सरकार में हुए टॉफी और टी-शर्ट घोटाले की जांच एसीबी से कराने के हेमंत सरकार के फैसले को बिल्कुल सही करार देते हुए कहा कि रघुवर सरकार की हर योजना की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में कंबल घोटाला से लेकर चॉकलेट घोटाला तक हुआ यह सब जानते हैं. सुप्रियो भट्टाचार्या ने पूर्व नगर विकास मंत्री और भाजपा नेता सीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह मंत्री थे तभी हरमू नदी करोड़ों की राशि खर्च कर नाले में तब्दील हुई थी. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में ही सड़क नीचे और नाली ऊपर योजना शुरू हुई थी.
रघुवर शासनकाल की हर योजना की जांच कराएं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन: सुप्रियो भट्टाचार्या
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने रघुवर दास के कार्यकाल में हुए टॉफी और टी शर्ट घोटाले की जांच एसीबी से कराने को सही ठहराया है. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि रघुवर सरकार में जितनी भी योजनाएं शुरु हुईं उसकी जांच की जानी चाहिए.
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भाषा संवेदनशील मुद्दा मिल बैठकर समाधान निकालेगी सरकार
वर्तमान में झारखंड में भाषा विवाद चल रहा है. मगही, भोजपुरी, अंगिका, मैथिली जैसी भाषाओं को लेकर आवाज उठ रही है. इस मामले पर सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि भाषा का मुद्दा बेहद संवेदनशील हैं और इसका सर्वमान्य हल निकालने के के लिए संवाद का रास्ता ही बेहतर है. उन्होंने कहा कि बातचीत से ही इसका समाधान निकाला जा सकता है. झामुमो नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि संवैधानिक बाध्यता है कि कई कार्यो के लिए सरकार को नेता प्रतिपक्ष की राय भी लेनी होती है ऐसे के झामुमो का भाजपा नेतृत्व से आग्रह है कि वह किसी वरिष्ठ विधायक जो कमल चुनाव चिह्न पर निर्वाचित हुए हैं उन्हें विधायक दल का नेता बना दें ताकि उन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता मिल सके.