झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

आर्थिक संकट में एचईसी के मजदूर: किसी ने खोल ली दुकान तो कोई बेच रहा सब्जी

एचईसी के गिरते हालात ने मजदूरों की तकदीर बदल दी है. कभी एचईसी में काम करना गौरव की बात होती थी. आज वहीं के मजदूर सब्जी बेचने और दुकान खोलकर कर किसी तरह गुजारा करने को मजबूर हैं. मजदूरों के हालात बयां करती ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट.

hec-workers-in-financial-crisis-due-to-non-payment-of-salary-in-ranchi
आर्थिक संकट में एचईसी

By

Published : Dec 10, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 6:19 PM IST

रांचीः देश की आन, बान और शान कहा जाने वाला HEC इन दिनों अपने बुरे दौर को लेकर चर्चा में है. कभी एचइसी में काम करने वाले कर्मचारी और कामगार गर्व महसूस करते थे. लेकिन आज वही कर्मचारी मजबूरी में एचईसी से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- एचईसी सीएमडी नलिन सिंघल के साथ एचईसी मजदूरों की वार्ता विफल, जारी रहेगा स्ट्राइक

अव्यवस्था और मिसमैनेजमेंट के कारण एशिया का मातृ उद्योग कहा जाने वाला एचईसी के साथ साथ यहां के कामगार भी आर्थिक संकट से जूझ रहें है. इस उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी और मजदूरों को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसको लेकर मजदूरों ने अब काम करना बंद कर दिया है. इस वजह से पिछले एक सप्ताह से एचईसी के तीनों प्लांट बंद पड़े हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कारखाना में उत्पादन नहीं होने के कारण एचईसी में काम करने वाले मजदूरों की भी माली हालात दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. अपने गिरते हालात को लेकर एचईसी में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि महीनों तक वेतन नहीं मिलने से वो भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. मजदूर अपना और अपने परिवार की जान बचाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

एचईसी में कार्यरत कामगार उदय शंकर बताते हैं कि वेतन नहीं मिलने के कारण कई ऐसे मजदूर हैं जो आज एचईसी का काम छोड़कर ऑटो चालक बन गए हैं. कुछ कर्मचारी सब्जी बेचने को मजबूर है तो कुछ अन्य रोजगार करने के लिए विवश हो गए हैं. अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए एचईसी इलाके में दुकान चला रहे उदयशंकर बताते हैं कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब एचईसी के मजदूर और कर्मचारी सड़क पर आने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- वार्ता विफल: HEC में पांचवें दिन भी उत्पादन ठप, 6 महीने से वेतन नहीं मिलने के बाद हड़ताल पर कर्मी


एचईसी के मजदूरों के लिए हमेशा ही आवाज उठाने वाले एचईसी के मजदूर नेता और सांसद प्रतिनिधि विनय जायसवाल ने बताया कि रांची के सांसद संजय सेठ लगातार एचईसी के मजदूरों की समस्या को भारी उद्योग मंत्रालय में रख रहे हैं. जिसके बाद सांसद के प्रयास से ही एचईसी के अस्थायी सीएमडी नलिन सिंघल गुरुवार को रांची पहुंचे और मजदूरों से बातचीत की. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी यूनियन की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है. एचईसी के पुराने दिन फिर से लौटे ताकि मजदूर एक बार फिर गर्व के साथ कह सकें कि वो एचईसी के कर्मचारी हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने जब जानकारी ली तो ये बातें सामने आईं तो कई ऐसे कर्मचारी हैं. जिन्होंने एचईसी के कारखानों में अपने हुनर के बल पर देश के लिए राष्ट्रहित उपकरण बना चुके हैं. लेकिन आज वही हुनरमंद मजदूर पेट चलाने के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं.

एचईसी के मजदूरों और कर्मचारियों ने ही चंद्रयान का लॉन्चिंग पैड बनाया था. इसके अलावा भी इसरो (ISRO), भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) जैसी संस्थानों के लिए एचईसी ने अहम योगदान दिया है. इसके बावजूद भी आज एचईसी के हुनरमंद कर्मचारियों के हुनर की कदर एचईसी के शीर्ष पर बैठे अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं जो कि निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है.

Last Updated : Dec 10, 2021, 6:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details