रांची: छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत नें चयनित अभ्यर्थी की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने के बिंदु पर 5 अगस्त को सुनवाई करने की बात करते हुए फिलहाल रोक नहीं लगाया है, लेकिन याचिका को स्वीकृत करते हुए राज्य सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा गया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में याचिकाकर्ता प्रभु दयाल लकड़ा द्वारा दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पीपरवाल अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. जिस पर अदालत ने फिलहाल रोक नहीं लगाया है, लेकिन इस बिंदु पर 5 अगस्त को सुनवाई करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मामले से संबंधित सभी मामले की सुनवाई 5 अगस्त को होगी. अदालत ने याचिकाकर्ता की दलील को सुनने के बाद राज्य सरकार और जेपीएससी को जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
ये भी पढ़ें:CISCE का रिजल्ट जारी, छात्राओं ने किया बेहतर प्रदर्शन
6ठी JPSC के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने के बिंदु पर 5 अगस्त को सुनवाई, जेपीएससी और राज्य सरकार से मांगा गया जवाब - छठी जेपीएससी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई
छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. जिस पर अदालत ने फिलहाल रोक नहीं लगाया है, लेकिन इस बिंदु पर 5 अगस्त को सुनवाई करने की बात कही है.
![6ठी JPSC के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने के बिंदु पर 5 अगस्त को सुनवाई, जेपीएससी और राज्य सरकार से मांगा गया जवाब Hearing on prohibiting appointment of 6th JPSC candidates on August 5](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7978933-342-7978933-1594431232089.jpg)
झारखंड हाई कोर्ट
बता दें कि प्रभु दयाल लकड़ा ने छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती दी है. उन्होंने बताया है कि जेपीएससी द्वारा जो यह परीक्षा ली है. इसमें कई तरह की अनियमितता हुई है. इसलिए इस परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा लेने की मांग की है. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है.