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लोहरदगा जेलकर्मी के हटाने के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब - झारखंड हाई कोर्ट

कोरोना वायरस की विकट संकट की घड़ी में लोहरदगा जेलर के दैनिक वेतन भोगी को हटाये जाने के आदेश को चुनौती दी गई थी. ई मेल के माध्यम से याचिका दायर की गई थी. उसके बाद रजिस्ट्रार जनरल ने मुख्य न्यायाधीश के आदेश के आलोक में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने जेल अधीक्षक के आदेश पर रोक लगा दिया है. मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

Hearing on Lohardaga jail staff removal order in high court
हाई कोर्ट

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Published : Mar 31, 2020, 9:37 PM IST

रांची: भारत सरकार के आदेश के बावजूद झारखंड के लोहरदगा जेल के अधीक्षक ने दैनिककर्मी चंद्रमौली झा को हटाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन ने अपने आवास स्थित कार्यालय से मामले पर सुनवाई करते हुए लोहरदगा जेलर के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया. राज्य सरकार से मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

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आदेश पर रोक

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने दिए गए निर्देश के आलोक में भारत सरकार के किए गए लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने अपने कार्यालय स्थित आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपने घर से और सरकार की अधिवक्ता ने भी अपने घर से मामले में अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि भारत सरकार के आदेश के बावजूद लोहरदगा के जेल अधीक्षक ने दैनिककर्मी चंद्रमौली झा को अपने कार्य से हटाने का जो आदेश दिया है, वह गलत है इसलिए इस आदेश पर रोक लगा दी जाए.

अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए लोहरदगा जेल अधीक्षक के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अगले आदेश तक के लिए उनकी नौकरी जारी रखने का भी आदेश दिया है. सरकार की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि जेल अधीक्षक ने दैनिककर्मी को हटाने के आदेश को वापस ले लिया है.

12 मई को होगी सुनवाई

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जेल अधीक्षक के आदेश पर रोक लगायी है, साथ ही सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. वहीं, मामले की अगली सुनवाई 12 मई को तय की गई है.

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प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार के लेबर और इंप्लायमेंट मंत्रालय ने 20 मार्च 2020 को नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि इस दौरान भारत में किसी भी सरकारी, प्राइवेट संस्थान के किसी भी संविदा और दैनिक कर्मी को नौकरी से नहीं निकाल सकते हैं.

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