रांची: धनबाद जज उत्तम आनंद की कथित मौत की सीबीआई जांच के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई की ओर से अदालत में जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई. आरोपी को नारकोटिक्स के लिए ले जाया गया है. अदालत ने नारकोटिक्स के लिए आरोपी को ले जाने के तरीके पर आपत्ति जताई है. अदालत ने कहा है कि आरोपी केस के लिए महत्वपूर्ण है, कड़ी सुरक्षा होनी चाहिए थी. जांच रिपोर्ट पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए सीबीआई को अद्यतन जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.
ये भी पढ़ें-धनबाद जज मौत मामला: दस दिन की रिमांड पर दोनों आरोपी, दिल्ली में होगा नार्को टेस्ट
आरोपी की सुरक्षा पर हाई कोर्ट के जज ने जताई आपत्ति
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मौत की सीबीआई जांच के बिंदु पर सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान जांच पदाधिकारी की ओर से अद्यतन जांच रिपोर्ट पेश की गई. अदालत को अधिवक्ता के माध्यम से जानकारी दी गई कि मामले के दो आरोपी जिन्हें गिरफ्तार किया गया है और सभी को नार्को टेस्ट के लिए भेजा गया है. अदालत ने पूछा कैसे भेजा गया है? जिस पर कहा गया कि उसे ट्रेन से ले जाया गया है. जिस पर अदालत ने कड़ी अपत्ति जताई है. उन्होंने जांच दल के इस कार्रवाई पर आपत्ति करते हुए कहा कि केस के लिए यह दोनों काफी ही महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इसकी सुरक्षा में कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए, कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए, बल्कि इसकी कड़ी सुरक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्रेन में इनके साथ छेड़छाड़ हो सकता है, इसलिए सुरक्षा एहतियात को देखते हुए इसे वापसी में कड़ी सुरक्षा के साथ सेवा विमान से वापसी करना चाहिए ताकि इस केस की जांच निष्पक्ष रूप से पूरी तरह हो सके.
जानकारी देते हुए अधिवक्ता धीरज क्या है पूरा मामला
बता दें कि धनबाद उत्तम आनंद की मॉर्निंग वाक के दौरान सुबह में ऑटो से धक्का लगकर मौत हो गई थी. सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसे जानबूझकर धक्का मारा गया है. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई की. मामले की सीबीआई जांच चल रही है. हाई कोर्ट लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. उसी मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अद्यतन जांच रिपोर्ट पेश किया गया. अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए जांच को आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए अद्यतन जांच रिपोर्ट फिर से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.