रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल की याचिका (CM Babulal Marandi defection case) पर बुधवार को सुनवाई हुई. बाबूलाल मरांडी की ओर से अधिवक्ता विनोद साहू ने अदालत में पक्ष रखा. वहीं, विधानसभा की ओर से वरीय अधिकता संजय हेगड़े ने पक्ष रखा. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि विधानसभा की ओर से लिखित बहस की कॉपी नहीं सौंपी गई है. लिखित बहस आने के बाद स्पीकर कोर्ट की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट में बाबूलाल के दलबदल मामले पर हुई सुनवाई, मांग की गई स्पीकर ट्रिब्यूनल की लिखित बहस - Ranchi news
झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले (CM Babulal Marandi defection case) पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनते हुए कहा कि विधानसभा की ओर से लिखित बहस की कॉपी नहीं सौंपा गई है. स्पीकर ट्रिब्यूनल की बहस आने के बाद अलगी सुनवाई की जाएगी.
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बता दें कि बाबूलाल की ओर से दाखिल रिट याचिका में कहा गया है कि दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर ट्रिब्यूनल में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है. न्यायाधिकरण ने उनकी पक्ष सुने बिना ही केस पर जजमेंट पर रख दिया है. बाबूलाल मरांडी से जुड़े दल बदल के मामले में विधानसभा के न्यायाधिकरण में 30 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई है.
बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं ने बताया कि स्पीकर पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहे हैं. न्यायाधिकरण में सुनवाई समाप्त होने के बाद स्पीकर कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बाबूलाल मरांडी ने झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता था. चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया. इस मामले में स्पीकर ने दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की.