झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

छठी JPSC के 326 अधिकारियों को फिलहाल राहत, 5 अक्टूबर को होगी विस्तृत सुनवाई

छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के डबल बेंच में सुनवाई हुई. अदालत ने 5 अक्टूबर की तारीख को मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए तय किया है.

hearing on 6th jpsc exam result in jharkhand high court
छठी JPSC के 326 अधिकारियों को तत्काल राहत

By

Published : Sep 28, 2021, 1:58 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 4:06 PM IST

रांचीः छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम को एकल पीठ के द्वारा रद्द कर फिर से नई मेरिट लिस्ट बनाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. डबल बेंच ने मामले में सुनवाई के उपरांत एकल पीठ के आदेश पर अगले आदेश तक के लिए रोक जारी रखा है. राज्य में नियुक्त 326 अधिकारियों को फिलहाल बड़ी राहत मिली है. अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को अपनी-अपनी दलील पेश करने के लिए 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. अब अगली तिथि को विस्तृत सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ेंःछठी जेपीएससी में कितने आरोप लगे? कितनी बार रिजल्ट निकाले गए? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन, न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण सहित अन्य कई अन्य वरीय अधिवक्ताओं ने भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. इस बीच उन्होंने सभी पक्षों को अपनी दलील के लिए उचित तैयारी करने का निर्देश दिया है. 5 अक्टूबर को अब मामले की विस्तृत सुनवाई होगी. इस बीच डबल बेंच द्वारा जो एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाया गया था वह अगले आदेश तक के लिए जारी रहेगा.

जानकारी देते अधिवक्ता
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि झारखंड लोक सेवा आयोग ने जो रिजल्ट प्रकाशित किया है. वह सही है. विज्ञापन के क्लाउज 13 में दिया गया है कि कुल प्राप्तांक 1,050 होगा, लेकिन अगर एकल पीठ के आदेश के हिसाब से फिर से नई मेरिट लिस्ट निकाली जाए और उस दो विषय के प्राप्तांक को ना जोड़ा जाए, तब ऐसे में कुल प्राप्तांक 900 होगा और यह विज्ञापन में दिए गए शर्त का उल्लंघन हो जाएगा. इसलिए एकल पीठ का आदेश गलत है. इसे रद्द कर दिया जाए.

बता दें कि छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. अदालत से गुहार लगाई गई थी कि गलत तरीके से रिजल्ट निकाल कर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया है. इसलिए इस रिजल्ट को रद्द कर फिर से रिजल्ट प्रकाशित करने की मांग की गई थी. जिसमें कहा गया था कि मुख्य परीक्षा के पेपर वन का कुल प्राप्तांक जोड़ा जाना गलत है. इसमें सिर्फ क्वालीफाइंग मार्क्स ही लाने का प्रावधान है. अदालत ने उसे सही मानते हुए रिजल्ट को रद्द करते हुए फिर से रिजल्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट की एकल पीठ के उसी आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

Last Updated : Sep 28, 2021, 4:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details