रांची: झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को कई मामले में सुनवाई हुई. इसमें राज्य बंटवारे के समय बिहार कैडर आवंटन में आए बिहार के रहने वाले कर्मचारियों को झारखंड में आरक्षण का लाभ ना दिए जाने को लेकर झारखंड सरकार द्वारा दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. वहीं, सिविल जज जूनियर डिविजन नियुक्ति मामले में दायर याचिका पर भी सुनवाई हुई.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य बंटवारे के समय बिहार कैडर आवंटन में आए बिहार के रहने वाले कर्मचारियों को झारखंड में आरक्षण का लाभ ना दिए जाने को लेकर झारखंड सरकार द्वारा दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है. मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई है. सुनवाई के दौरान बिहार से आए कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि झारखंड सरकार द्वारा जो एलपीए याचिका दायर की है, यह समय सीमा पार करने के बाद दायर की गई है, इसलिए इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है.
बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में बिहार से कैडर बंटवारा में आए बिहार के निवासी अखिलेश प्रसाद एवं अन्य को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया. झारखंड सरकार की उसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट की एकल पीठ ने कर्मियों को आरक्षण का लाभ दिए जाने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश को राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग ने हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.