रांची: झारखंड हाई कोर्ट में पारा शिक्षकों को नियमित करने के मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में हुई.
17 फरवरी को अगली सुनवाई
सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार से पूछा है कि क्या समान काम के बदले समान वेतन दिया जा सकता है. साथ ही अदालत ने सरकार से पारा शिक्षकों को मिलने वाले मानदेय सेवा शर्त और अन्य सुविधाओं का ब्यौरा देने को कहा है. मामले को लेकर अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
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सेवा नियुक्ति की मांग
याचिकाकर्ता कमलेश कुमार सिंह संहित अन्य पारा शिक्षकों ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी सेवा नियुक्ति की मांग की है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी के मामले में दिया गए आदेश का हवाला दिया. कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 10 साल से ज्यादा समय से काम करने वाले लोगों को नियमित किया जाए. यदि राज्य सरकार अन्य विभागों में ऐसा कर रही है तो पारा शिक्षकों के मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है. साथ ही अदालत को बताया गया कि सरकार के पास पारा शिक्षकों का पद खाली है और राज्य सरकार इस पर नियुक्ति भी कर रही है.