नई दिल्ली: झारखंड सरकार की नियोजन नीति के तहत अधिसूचित जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर लगाए स्टे को बरकरार रखा है. राज्य के तकरीबन 18,000 शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत अगले आदेश तक के लिए जारी रखने का आदेश दिया है. झारखंड हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा 13 जिले के शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द किए जाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाया गया स्टे बढ़ा दिया गया है. शिक्षक को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए राहत को भी अगले आदेश तक के लिए जारी रखा है.
SC में झारखंड हाई स्कूल शिक्षक नियोजन मामले की सुनवाई, HC के फैसले पर स्टे बरकरार
झारखंड सरकार की नियोजन नीति के तहत अधिसूचित जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्ति के मामले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, अगली सुनवाई नवंबर आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी. कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे को बरकरार रखा है.
याचिकाकर्ता सत्यजीत कुमार एवं अन्य ने हाईकोर्ट के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था, बृहस्पतिवार को मामले की आंशिक सुनवाई की गई, अगली सुनवाई नवंबर के अंतिम सप्ताह में होगी. झारखंड हाई कोर्ट केे महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जानकारी दी.
झारखंड हाई कोर्ट द्वारा सरकार के नियोजन नीति को गलत बताते हुए 13 जिले में किए गए नियुक्ति को अवैध घोषित कर नियुक्ति को रद्दद कर दिया और सरकार को फ्रेश नियुक्ति करनेे को कहा है. हाई कोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसमें हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने की याचिका में बताया गया था कि इसमेंं छात्र की क्या गलती है, उन्हें नियुक्त कर दिया अब उन्हें हटाया जा रहा है. उसे नौकरी से ना हटाया जाए, इसी मांंग को लेकर याचिका दायर की गई है गई है.