रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में शुक्रवार 14 अक्टूबर को दुमका पेट्रोल कांड को लेकर सुनवाई हुई(Hearing in Jharkhand High Court ). अदालत ने मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि किन परिस्थिति में पीड़िता को दुमका से रांची लाया गया, साथ ही इस घटना में बर्न इंज्यूरी की स्थिति यानि घटना के बाद पीड़िता कितने प्रतिशत जल गई थी.
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झारखंड हाई कोर्ट ने डीजीपी को शपथ पत्र के माध्यम से इन जवाबों को दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी पूछा है कि देवघर एम्स में बर्न वार्ड है या नहीं. इसके अलावा एम्स में आम मरीजों के लिए अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी.
बता दें कि 23 अगस्त को हुई इस घटना के बाद 30 अगस्त को झारखंड हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए डीजीपी को तलब किया था. पूर्व में ही हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. खंडपीठ ने कहा था कि इस मामले की मॉनिटरिंग कोर्ट स्वयं करेगा. पूर्व की सुनवाई में हाई कोर्ट ने मामले का अनुसंधान जल्द से जल्द करने और चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश डीजीपी को दिया था. साथ ही पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया था. आपको बता दें कि दुमका में गत 23 अगस्त की रात सनकी आशिक शाहरुख नामक युवक ने एकतरफा प्यार में घर में सो रही 12वीं की छात्रा को जिंदा आग के हवाले कर दिया था. जिसकी बाद में इलाज के दौरान रिम्स में मौत हो गई थी.