रांची: जमशेदपुर के महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एमजीएम के अधीक्षक की पेश की गई रिपोर्ट को देखने के बाद अदालत ने असंतुष्टि जाहिर की. राज्य सरकार को उस रिपोर्ट पर झारखंड सरकार के वरीय अधिकारी के द्वारा स्थल निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.
जमशेदपुर एमजीएम की लचर व्यवस्था पर हाईकोर्ट गंभीर, स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश - Ranchi news
जमशेदपुर के महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधीक्षक की पेश की गई रिपोर्ट पर नाखुशी जाहिर की है. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.
झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन, न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय की लचर व्यवस्था मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान एमजीएम के अधीक्षक की रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई कि पुरानी और जर्जर भवन को ठीक करने का काम जुसको नाम की कंपनी को दिया गया है. शीघ्र ही पुराने भवन की मरम्मत कर दी जाएगी और सभी तरह के व्यवस्था ठीक कर ली जाएंगी. अधीक्षक की इस रिपोर्ट पर अदालत ने राज सरकार के अधिवक्ता को कहा कि इस रिपोर्ट पर सरकार के वरीय अधिकारी से स्थल निरीक्षण कराकर फिर से अदालत में पेश करें. अगली सुनवाई के लिए तिथि तय कर दी गई है.
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जमशेदपुर की एक महिला को आधी जली अवस्था में एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस महिला की इलाज के लिए उसे बेड तक नहीं दिया गया. जमीन पर लिटा कर जैसे तैसे इलाज किया गया. इस मामले में अदालत ने स्वत संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. उसी याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान सरकार से जवाब मांगा था. अदालत के उस आदेश के आलोक में जवाब पेश किया गया.