रांची: राजधानी रांची के मशहूर न्यूक्लियस मॉल के 40000 स्क्वायर फीट जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद रांची नगर निगम को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि किस परिस्थिति में उन्हें ऐसी जगह पर मॉल निर्माण करने की अनुमति दी गई. रांची नगर निगम के जवाब आने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें:रांची के न्यूक्लियस मॉल को लेकर हलकान रही पुलिस, जानें क्या है पूरा मामला
झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश डॉ रवि रंजन न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को यह जानकारी दी कि न्यूक्लियस मॉल जहां बनी है वहां इतनी जगह नहीं है मॉल बनाई जाए. मॉल के लिए काफी जगह चाहिए होती है, लेकिन कम जगह में न्यूक्लियस बना दी गई है. पार्किंग की जमीन को दूसरे को दे दिया गया है. ऐसे में वहां पर काफी ट्रैफिक जाम होता है और लोगों को कठिनाई होती है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद रांची नगर निगम को मामले में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.
राजीव कुमार, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट
न्यूक्लियस मॉल में दुर्घटना होने के बाद सेंटर फॉर आरटीआई नाम की संस्था ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के माध्यम से आरोप लगाया गया था कि 40000 स्क्वायर फीट जमीन पर मॉल के द्वारा अवैध निर्माण किया गया है.