झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने आदेश रखा सुरक्षित - झारखंड हाई कोर्ट की खबरें

झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह की ओर से दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है.

Hearing in Jharkhand High Court on case of former Minister Randhir Singh, news of jharkhand High Court , news of former Minister Randhir Singh पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, झारखंड हाई कोर्ट की खबरें, पूर्व मंत्री रणधीर सिंह की खबरें
झारखंड हाई कोर्ट

By

Published : Jul 11, 2020, 4:39 AM IST

रांची: झारखंड सरकार की ओर से घर खाली कराने के आदेश को पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है. फैसला बाद में सुनाया जाएगा.

देखें पूरी खबर
जल्द सुनाया जाएगा फैसला
बता दें कि न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सरकार की ओर से महाधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया है. जल्द सुनाया जाएगा फैसला.

दूसरा मकान आवंटित कर दिया गया

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इन्हें दूसरा मकान आवंटित कर दिया गया है. वह मकान दूसरे को आवंटित किया गया है. मकान का आवंटन कमेटी की ओर से किया जाता है. कमेटी ने जिसे जो मकान आवंटित किया है, उसमें जाना चाहिए. पूर्व मंत्री की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्हें जो मकान आवंटित किया है, वह पुलिस अधिकारी के कब्जे में है. वह टूटा-फूटा है, उसे ठीक-ठाक भी नहीं करवाया गया है.

ये भी पढ़ें-नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी दोषी करार, जेल भेजने में रोड़ा बना कोरोना जांच

अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया
दरअसल, झारखंड सरकार की ओर से पूर्व मंत्री रणधीर सिंह के आवास को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. सरकार के जारी नोटिस को पूर्व मंत्री ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई, सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details