रांचीःराजधानी के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर कमेटी मामले में झारखंड हाई कर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड धार्मिक न्यास बोर्ड, बोर्ड के प्रशासक और नई न्यास समिति को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है. अब देखना यह होगा कि न्यास बोर्ड की ओर से नोटिस का क्या जवाब दिया जाता है.
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झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर के न्यास समिति को बदलकर नई कमेटी बनाए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई. अदालत ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया है. इस दौरान अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने धार्मिक बोर्ड और प्रशासक की ओर से नोटिस स्वीकार कर लिया है. जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के सचिव चंद्रकांत रायपत की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
धार्मिक न्यास बोर्ड को नई समिति बनाने का अधिकार नहीं
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता रवि प्रकाश ने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड को मंदिर के न्यास समिति को बदलने का कोई अधिकार नहीं है. इसके बावजूद आठ जुलाई 2021 को बोर्ड ने जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति को हटाकर नई समिति बना दी. इस नई समिति में पुरानी समिति के किसी सदस्य को नहीं रखा गया है. उन्होंने झारखंड धार्मिक न्यास एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक्ट में बोर्ड का प्रशासक बनाए जाने का कोई प्रवधान नहीं है. अदालत को यह भी बताया गया कि याचिका के लंबित रहने के दौरान बोर्ड ने पुरानी समिति को मंदिर प्रबंधन का चार्ज नई समिति को देने के लिए पत्र लिखा है. इसके साथ ही मंदिर प्रबंधन से पिछले चार साल के आय- व्यय का हिसाब मांगा है. इसके बाद अदालत ने इस मामले में धार्मिक बोर्ड से जवाब मांगा है.