रांची: राज्य में संविदा पर नियुक्त डॉक्टरों को नियमित डॉक्टर की नियुक्ति में उम्र सीमा की छूट की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फिर एक बार समय देते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि राज्य में जो संविदा पर नियुक्त डॉक्टर हैं उनकी नियमितीकरण के लिए क्या योजनाएं हैं. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा गया है. राज्य सरकार के जवाब आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में राज्य के अनुबंध पर नियुक्त डॉक्टर अमित कुमार सिन्हा और अन्य ने डॉक्टरों की नियमित नियुक्ति में उम्र सीमा में छूट देने और डॉक्टर नियुक्ति के लिए ली जा रही साक्षात्कार में उन्हें बैठने की अनुमति की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है, उसी याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने पूर्व में मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से यह पूछा था कि उनके पास संविदा पर नियुक्त डॉक्टरों को नियमित करने के लिए क्या योजनाएं हैं?
संविदा पर नियुक्त डॉक्टरों को नियमित करने की क्या योजना है?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पूर्व में याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया था कि राज्य में नियमित डॉक्टर की नियुक्ति की जा रही है, जिसमें संविदा पर नियुक्त डॉक्टर को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जा रही है. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य सरकार के पास संविदा पर नियुक्त डॉक्टरों को नियमित करने की क्या योजना है?