रांचीः झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई न्यायाधीश एसएन पाठक की अदालत में हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा गया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट में अब तक क्या कार्रवाई हुई है.अवैध नियुक्ति मामले में अदालत ने कहा कि जांच रिपोर्ट को कब तक ठंडे बस्ते में रखा जाएगा.
प्रीतम आनंद की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाला में विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को 2 संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों रवींद्र सिंह और राम सागर राम को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई.
अफसरों में मचा हड़कंप
जिसके बाद अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है. अब कई और अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. विधानसभा के एक अधिकारी के मुताबिक कार्रवाई के दायरे में जल्द ही 1 दर्जन से अधिक अधिकारी आएंगे और प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
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नोटिस जारी कर मांगा स्पष्टीकरण
जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने नियुक्ति घोटाले से संबंधित रिपोर्ट राज्यपाल की अनुशंसा के साथ सौंपी गई थी. राजभवन ने इसे कार्रवाई के लिए विधानसभा सचिवालय को प्रेषित किया था. विधानसभा सचिवालय की प्रक्रिया की खामी में संलग्न रहने और तमाम अधिकारियों और कर्मियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण पूछा है.