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ईटीवी भारत की खबर का असर: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने की 12 दिनों में कोरोना योद्धाओं के बकाया वेतन देने की घोषणा - Ranchi news

झारखंड में कोरोना वॉरियर्स का चार माह का वेतन बकाया है. इसको लेकर विभिन्न कार्यालयों का चक्कर काट रहे थे. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रकाशित की. इसके बाद बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स का बकाया वेतन 10 से 12 दिनों में भुगतान कर दिया जायेगा.

Health Minister Banna Gupta
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने 12 दिनों में कोरोना योद्धाओं के बकाया वेतन देने की घोषणा

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Published : Jun 29, 2022, 7:54 PM IST

रांचीः जब झारखंड में कोरोना संक्रमण चरम पर था. उस समय राज्य सरकार ने अल्पकालीन अनुबंध पर कर्मियों की बहाली की, ताकि संक्रमित मरीजों का समुचित इलाज हो सके. अल्पकालीन अनुबंधकर्मियों ने जान जोखिम में डाल कर संक्रमित मरीजों की सेवा की. लेकिन इन कोरोना योद्धा को ना सिर्फ कोरोना कम होने के बाद सेवा से हटा दिया गया, बल्कि उनके चार महीने के वेतन का भुगतान भी नहीं किया. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री की नींद खुली. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 10 से 12 दिनों में कोरोना योद्धाओं को बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा.

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बकाए वेतन की मांग को लेकर रांची में ही करीब 251 कोरोना वॉरियर्स इधर उधर भटक रहे थे. इस खबर को ईटीवी भारत ने कोरोना वॉरियर्स की समस्याओं को गंभीरता से प्रकाशित की थी. राज्य के स्वास्थ्यमंत्री ने ईटीवी भारत से कहा कि 10 से 12 दिनों में बकाया वेतन भुगतान कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आपदा विभाग से बकाया भुगतान के लिए 150 करोड़ रुपये की राशि स्वास्थ्य विभाग को मिला है. उन्होंने कहा कि सरकार इन कोरोना योद्धाओं को समायोजित करने पर भी विचार कर रही है.

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कोविड अस्पतालों में सेवा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने अल्पकालिक अनुबंध पर नर्से, लैब टेक्नीशियन, वैक्सीनेटर, सैंपल कलेक्शन को लेकर कर्मियों की नियुक्ति की थी. करीब 251 स्वास्थ्यकर्मियों ने दिन-रात सेवा दी. लेकिन कोरोना संक्रमण रांची में कम हुआ तो इन स्वास्थ्यकर्मियों को सेवा से हटा दिया गया. इसके साथ ही इन कर्मियों के चार महीने का वेतन भी बकाया है. इसको लेकर सिविल सर्जन कार्यालय, नेशनल हेल्थ मिशन कार्यालय, विभागीय मंत्री के कार्यालय का चक्कर काट रहे थे. इसके बावजूद बकाया वेतन भुगतान नहीं हो रहा था.

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