रांची: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर धाम का लोकार्पण किया. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक विशाल और व्यापक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. प्रधानमंत्री के द्वारा किए जा रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण की धूम सिर्फ बनारस में ही नहीं बल्कि झारखंड की राजधानी रांची में भी देखने को मिल रही है.
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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर राजधानी के बूटी मोड़ इलाके के न्यू नगर कॉलोनी के लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला. मोहल्ले की महिलाएं एक मंडली बनाकर भजन करती दिखीं. वहीं मोहल्ले के पुरुष टीवी पर प्रधानमंत्री के लोकार्पण के भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखते नजर आए. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण का सीधा प्रसारण देख रहे स्थानीय नेता रणधीर रजक बताते हैं कि इस दिन का इंतजार कई दशक से लोगों को था. जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सत्य करके दिखाया. उनके इसी प्रयास की सराहाने के लिए पूरे देशवासी के साथ-साथ झारखंड की राजधानी रांची के लोगों ने भी समर्थन किया है.
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण को पूरे देश में और भी भव्य बनाने के लिए महिला मंडली की महिलाओं ने भी सड़क किनारे भजन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया. लोगों के इसी उत्साह को देखने के बाद ईटीवी भारत के संवाददाता हितेश कुमार चौधरी ने न्यू नगर कॉलोनी स्थित लोगों से बातचीत कर लोगों के उत्साह को जानने की कोशिश की. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 8 मार्च 2019 को किया था, एक अध्यादेश के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर पर क्षेत्र को विशिष्ट क्षेत्र घोषित किया था. जिसके बाद आसपास के कई भवनों को अधिग्रहित किया था. काशी विश्वनाथ धाम करीब 5 लाख स्कवॉयर फीट में बना हुआ है. इसकी कुल लगात 900 करोड़ रुपए है.
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर- एक नजर
करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बना काशी विश्वनाथ धाम बनकर पूरी तरह तैयार है. इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं. इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है. इस कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है. इसमें 4 बड़े-बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं.जिसमें काशी की महिमा का वर्णन है. इसके अलावा इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी जैसी सुख-सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है. 250 साल के बाद मंदिर का पहली बार जीर्णोद्धार हुआ है. इस कॉरिडोर के बनने के बाद श्रद्धालु 50 फीट की सड़क से गंगा किनारे से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे.